Type Here to Get Search Results !

दशलक्षण महापर्व के छठे दिन उत्तम संयम धर्म का पालन किया गया /वहीं सुगंध दशमी की रही धूम ।

पीरटांड़,शिखर दर्पण संवाददाता।

जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मधुबन में जैन धर्मावलंबियों द्वारा पर्वराज पर्युषण के छठे दिन मंगलवार को उत्तम संयम धर्म का पालन किया गया । तीर्थस्थल मधुबन में इस अवसर पर पर्यूषण पर्व के साधकों द्वारा आस्था और भक्ति के साथ उत्तम संयम धर्म पर जिनालयों में विषेश पूजा अर्चना की गई । पर्व के छठे दिन उत्तम संयम धर्म के रूप में मनाया गया। इस मौके पर सुबह से ही जिनालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और पूरा वातावरण भक्ति व आध्यात्म से सराबोर हो गया। सुबह के समय मंदिरों में श्रद्धालुओं ने अभिषेक, शांति धारा और भक्ताम्बर पूजन किया। दिनभर धार्मिक अनुष्ठानों का दौर चलता रहा। दोपहर में प्रवचन और सत्संग का आयोजन हुआ, वहीं संध्या कालीन सत्र में भक्ताम्बर पाठ, प्रश्न मंच और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर श्रद्धालुओं को धर्म के महत्व से अवगत कराया गया।

इस अवसर पर साधु साध्वीओं ने अपने प्रवचनों में उत्तम संयम धर्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तम संयमी कभी किसी रोग से ग्रस्त नहीं होता  । वो स्वयं ही जीवन के आदर्श में मस्त रहता है। कहा कि जो अच्छा लगे वो ग्रहण करो, और जो बुरा लगे उसका त्याग । फिर चाहे वो विचार हो कर्म हो या व्यवहार । संयम के लिए शरीर की नहीं साहस की जरूरत होती है । संयम के आगे यम भी झुकता है, अतः संयम को धारण करो और मृत्युंजयी बनो । वहीं शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने वातावरण को और अधिक भक्तिमय बना दिया। संगीत, नृत्य और भक्ताम्बर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित भी किया गया । वहीं आज सुगंध दशमी की भी धुम रही । पारसनाथ पर्वत के टोकों,तलहटी के जिनालयों एवं प्राचीन पालगंज जैन मंदिर में हजारों की संख्या में जैन श्रद्धालुओं ने धुप देकर धुप दशमी महा महोत्सव मनाया ।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.