मधुबन पहुँचे बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, विश्व मैत्री महोत्सव में क्षमा और मैत्री के संदेश को बताया अद्वितीय परंपरा।
SHIKHAR DARPANFriday, September 12, 2025
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गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।
विश्वप्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल गिरिडीह के पार्श्वनाथ मधुबन स्थित सम्मेद शिखर पर शुक्रवार को गुनातायन ट्रस्ट और महावीरायातन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में क्षमावाणी पर्व के अवसर पर विश्व मैत्री महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान विशेष रूप से मधुबन पहुँचे और जैन समाज की परंपरा को अद्वितीय एवं प्रेरणादायी बताया।राज्यपाल के मधुबन आगमन पर सबसे पहले सीआरपीएफ कैंप में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद गिरिडीह उपायुक्त रामनिवास यादव, पुलिस अधीक्षक डॉ. विमल कुमार, एसडीएम श्रीकांत यशवंत विस्पुते, एसीडीपीओ जितवाहन उरांव समेत कई वरीय अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। वहीं गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। *महोत्सव का शुभारंभ:- महोत्सव की शुरुआत भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा का लोकार्पण कर और दीप प्रज्वलित कर की गई। राष्ट्रीय गान के बाद पूरे वातावरण में श्रद्धा और भक्ति का भाव उमड़ पड़ा। बड़ी संख्या में जैन समाज के श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति ने पूरे गुणायतन क्षेत्र को उत्सवमय बना दिया। साथ ही कार्यक्रम के दौरन बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अंगवस्त्र एवं गुणायतन मंदिर का मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया गया।
*राज्यपाल का संबोधन:-
इस दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा की “जैन समाज की यह परंपरा वास्तव में अद्वितीय है कि दशलक्षण पर्व के उपरांत क्षमावाणी को विश्व मैत्री महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। जब पूरा विश्व हिंसा और संघर्ष में उलझा हुआ है, तब भगवान पार्श्वनाथ की तपोभूमि पर ऐसा आयोजन एक गहरा संदेश देता है। आज की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोग अपने धर्म और आस्था को श्रेष्ठ बताने की होड़ में लगे हैं और उसे दूसरों पर थोपने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे समय में जैन समाज का यह प्रयास विश्व शांति और सद्भाव के लिए प्रेरणास्रोत है।”राज्यपाल ने आगे श्रीमद्भागवत का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान ऋषभदेव का वर्णन स्वयं भागवत ग्रंथ में मिलता है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारतीय संस्कृति और जैन दर्शन एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। *संतों का संदेश:- इधर मौके पर उपस्थित महावीरायतन फाउंडेशन, मुंबई के ब्रह्मचारी देवेन्द्र ने कहा की “जैन समाज का उद्देश्य केवल एक है—विश्व में भाईचारा और आपसी सद्भाव बनाए रखना। आज रिश्तों में दरार आ रही है, समाज बिखर रहा है। इसे टूटने से बचाने का एकमात्र उपाय है मैत्री भाव। जब तक हम आपसी मेलजोल और सौहार्द नहीं बढ़ाएँगे, तब तक शांति संभव नहीं।”
*सम्मान और स्वागत:- इस अवसर पर गुनातायन ट्रस्ट और महावीरायातन फाउंडेशन की ओर से सम्मान समारोह का भी आयोजन किया गया, जिसमें समाज के कई प्रतिष्ठित लोगों को सम्मानित किया गया। राज्यपाल और विशिष्ट अतिथियों का फाउंडेशन और जैन समाज के प्रतिनिधियों ने भव्य स्वागत किया। वही कार्यक्रम को सफल बनाने में गुनातायन ट्रस्ट के अशोक जैन, सुनील जैन, सुभाष जैन और महावीरायातन फाउंडेशन के अजय गंगवाल, पंकज जैन सहित कई पदाधिकारियों की विशेष भूमिका रही।विश्व मैत्री महोत्सव के इस आयोजन ने न केवल मधुबन क्षेत्र को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रंगों में रंग दिया बल्कि पूरे समाज को क्षमा, भाईचारा और विश्व शांति का महत्वपूर्ण संदेश भी दिया।इस कार्यक्रम को देखते हुए कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम देखा गया। सुरक्षा व्यवस्था में डुमरी एसडीपीओ सुमित कुमार,इंस्पेक्टर राजेन्द्र प्रसाद,पीरटांड़ बीडीओ मनोज मरांडी,मधुबन थाना प्रभारी संजय कुमार सहित दर्जनों जवान मौजूद रहे।