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सड़क सुविधा के अभाव में गर्भवती महिला को खटिया पर ढोकर पहुंचाना पड़ा अस्पताल।

गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।

गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड में आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य और सड़क सुविधा की पोल खोलने वाला एक मामला प्रखंड के खटोरी पंचायत के जेवड़ा गांव से सामने आया है। यहां एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा उठने पर सड़क सुविधा के अभाव में खटिया पर कंधे के सहारे मुख्य मार्ग तक ले जाना पड़ा। मिली जानकारी के अनुसार जेवड़ा गांव निवासी नरेश सोरेन की 19 वर्षीय पत्नी सलगी मुर्मू को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों ने एंबुलेंस मंगाने की कोशिश की, लेकिन गांव तक पहुंचने का पक्का रास्ता न होने के कारण कोई वाहन अंदर तक नहीं पहुंच सका।

मजबूरन ग्रामीणों और परिजनों ने महिला को खटिया पर लिटाकर उबड़-खाबड़ पगडंडी से करीब दो किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक पहुंचाया।इसके बाद महिला को वाहन से तीसरी स्थित स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसका इलाज शुरू किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सड़क नहीं रहने से हमेशा ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विशेषकर बीमार और गर्भवती महिलाओं को समय पर इलाज के लिए ले जाना बेहद मुश्किल हो जाता है।ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार से गांव तक सड़क सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य योजनाओं और एंबुलेंस सेवा का लाभ तब तक संभव नहीं है जब तक गांव तक सड़क नहीं पहुंचे।

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