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भागवत कथा के सातवें दिन कलियुग के वर्णन के साथ ही कथा का हुआ समापन ।

पीरटांड़,शिखर दर्पण संवाददाता।

पीरटांड़ प्रखंड के पालगंज स्थित प्राचीन श्री बंशीधर मंदिर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन गुरुवार को भव्य रूप से किया गया। इस अवसर पर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई । सात दिनों तक कथा स्थल पर सुबह से देर रात तक भक्ति, आध्यात्म और आध्यात्मिक संगीत का अनवरत प्रवाह होता रहा। श्रद्धालु कथा श्रवण के साथ-साथ भजन और संकीर्तन में भी डूबे रहे।समापन अवसर पर विशेष पूजा-अर्चन का आयोजन किया गया। कथा के समापन पर पंडित भगवत वल्लभ भक्त वृन्दावन ने भक्तों को श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । श्रीमद्भागवत कथा की इस श्रृंखला ने श्रद्धालुओं के मन में अध्यात्म के प्रति नई ऊर्जा और भक्ति भाव जगाया। कथा के समापन सत्र पर सुदामा चरित एवं कलियुग का वर्णन किया गया ।

कथा को सफल और यादगार बनाने में अनिलेश गौरव, अलंकृत हरिवंश,महंथ शिशिर भक्त, प्राण वल्लभ भक्त, निकुंज केतन भक्त, विपुल वत्सल, चरित्र केतन भक्त, केशव भक्त,सतीश पाठक, बशिष्ठ नारायण उपाध्याय, कपिल देव उपाध्याय,धीरज राम, अमित राम,बप्पी लाहकार, अनुप वल्लभ भक्त, पवन कुमार मंदिलवार और सरयु सिंह,विपीन वल्लभ भक्त, प्रिंस राघव,पियु पार्थ,उद्धव भक्त की भूमिका महत्वपूर्ण रही। इनके साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भी सक्रिय सहयोग किया।आयोजन की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केवल पालगंज ही नहीं बल्कि कोराटांड, करपरदारडीह, कुम्हरलालो, केवटटोला, महादेवडीह, बरदही, बिशनपुर, फतेहपुर, गिरिडीह और दौरही सहित कई गांवों से हजारों श्रद्धालु कथा श्रवण हेतु पहुंचे। पूरे सप्ताह मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही और "हरे कृष्ण, हरे राम" के जयकारों से पूरा वातावरण गूंजता रहा।श्री बंशीधर मंदिर में संपन्न हुए इस सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ने क्षेत्रवासियों के धार्मिक और सामाजिक जीवन में नई ऊर्जा का संचार किया। श्रद्धालु इसे लंबे समय तक याद रखेंगे।

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