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मोंगिया पावर प्लांट गेट पर मजदूरों का जाम, असंगठित मजदूर मोर्चा और माले नेता डटे।

गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।

मोंगिया पावर प्राइवेट लिमिटेड प्लांट के गेट को रविवार सुबह 5 बजे से असंगठित मजदूर मोर्चा और भाकपा माले के नेतृत्व में जाम कर दिया गया है। आंदोलनकारियों ने ऐलान किया है कि जब तक बिना कारण निकाले गए सुपरवाइजर नवीन पांडेय को पुनः कार्य पर नहीं रखा जाता, तब तक यह जाम जारी रहेगा। इस विरोध का नेतृत्व माले नेता कन्हाई पांडेय,राजेश सिन्हा, किशोर राय, मसुदन कोल, पवन यादव, भीम कोल आदि कर रहे हैं। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि औद्योगिक क्षेत्रों में मजदूरों का शोषण आम बात हो गई है। यदि कोई मजदूर अपने अधिकार की बात करता है तो उसे काम से निकाल दिया जाता है। नवीन पांडेय के साथ भी यही अन्याय हुआ है।

*मजदूर यूनियन की मांग, न्यूनतम मजदूरी लागू करने की चेतावनी:-
माले नेता राजेश सिन्हा, मेहताब अली मिर्जा, शेखर सिंह, रजा आलम आदि ने कहा कि राज्य सरकार का स्पष्ट नियम है कि फैक्ट्रियों में 70% स्थानीय मजदूरों को रखा जाए, लेकिन यह नियम भी कंपनियां नहीं मान रही हैं। कई फैक्ट्रियां सरकारी जमीन और जंगल की जमीन पर अवैध कब्जा कर ठेकेदारी प्रथा के तहत मजदूरों का शोषण कर रही हैं। मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी तक नहीं दी जा रही है और यूनियन बनाने के प्रयासों को दबा दिया जाता है। राजेश सिन्हा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मजदूर कानूनों को खत्म कर 8 घंटे की जगह 12 घंटे का कार्यदिवस लागू किया गया है। मजदूरों की आवाज दबाई जा रही है और सरकारी प्रतिनिधि भी फैक्ट्री मालिकों के पक्ष में खड़े नजर आते हैं।

*जिला प्रशासन को पूर्व सूचना, आंदोलन में सैकड़ों मजदूर शामिल:-
ज्ञात हो कि टुंडी रोड के ताराटांड़ निवासी नवीन पांडेय, जो मोंगिया पावर प्लांट में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे, उन्हें बिना किसी कारण काम से निकाल दिया गया। इसकी शिकायत उन्होंने असंगठित मजदूर मोर्चा कार्यालय में की, जिसके बाद मोर्चा हरकत में आया और प्रशासन को पूर्व सूचना देकर 3 अगस्त की सुबह गेट जाम कर दिया।
इस आंदोलन में माले नगर सचिव कॉमरेड राजेश सिन्हा के साथ-साथ कन्हाई पांडेय, सनातन साहु, मसुदन कोल, पवन यादव, केदार राय, भोथारी दास, आलम रजा, दीपक कुमार, पिन्टू रजवार, कृष्णा पोद्दार, और कई अन्य नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।लोकतांत्रिक आंदोलन की अगुवाई कर रहे नेताओं में प्रमुख रूप से मसुदन कोल, किशोर राय, सुनील ठाकुर, धनेश्वर कोल, लखन कोल, मोहन कोल, मोती कोल, मनोज कोल, दिलचंद कोल, टूना कोल, राजू तुरी, सुनील वास्की और निष्पति मरांडी शामिल हैं।आंदोलनकारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो जिले के अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों का भी गेट जाम किया जाएगा।

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