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डायन कुप्रथा हमारे समाज के लिए अभिशाप:- उपायुक्त।

गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।

शुक्रवार को समाहरणालय परिसर से उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी ने जिलावासियों को जागरूक करने के उद्देश्य से डायन कुप्रथा के उन्मूलन हेतु जागरूकता रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। इस दौरान उन्होंने जागरूकता रथ के प्रखंडवार एवं पंचायतवार परिचालन को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया।इसके अलावे कार्यक्रम के दौरान मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि डायन कुप्रथा हमारे समाज के लिए सबसे बड़ा अभिषाप है। इस कुप्रथा को दूर करने के लिए सरकार व जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है और हर संभव प्रयास कर रही है। इसी उद्देश्य से जागरूकता रथ को रवाना किया गया है, ताकि शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार समाज में फैले अंधविश्वास को दूर किया जा सके।

हम सभी जानते है महिलाओं का समाज निर्माण में बहुत बड़ा योगदान होता है, महिलाओं को सशक्त व स्वाबलंबी बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है। ऐसे में हमलोगो ने कई बार ये भी देखा है कि अकेले रह रहे बुजुर्गों के संपत्ति के लोभ को देखते हुए या डायन बताकर किसी पर अत्याचार करना या ऐसे अंधविश्वास जो आज भी महिलाओं को डायन बना देते हैं। साथ ही जिलावासियों से भी यही आग्रह होगा कि हम अपने जीवन में महिलाओं का सम्मान करें। भ्रूण हत्या, महिला उत्पीड़न, डायन प्रथा जैसे मानसिक कुरीतियों को समाज से पूर्ण रूप से खत्म करने में अपना हर संभव योगदान सुनिश्चित करें।इसके अलावा उपायुक्त के द्वारा जानकारी दी गयी कि किसी महिला को डायन कहना या उसके डायन की अफवाह फैलाना या उसे डायन कहने के लिए किसी व्यक्ति को उकसाना अथवा किसी महिला को डायन घोषित कर उसे शारीरिक या मानसिक कष्ट देना कानूनन जुर्म है।

डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम के आधार पर कार्यवाई की जाए गि। डायन का पहचान करने वाले या कहने वालो को-3 महीने की सजा या रु1000/-जुर्माना अथवा दोनों है। धारा 4 डायन बता कर किसी को प्रताड़ित कराना-6 महीना की सजा या रु 2000/-जुर्माना अथवा दोनों है। धारा 5 डायन चिन्हित करने में जो व्यक्ति उकसायेगा-3 महीने की सजा या रु 1000/- जुर्माना अथवा दोनों है। धारा 6 भूत-प्रेत झाड़ने की क्रिया-1 साल की सजा या रु 2000/- जुर्माना या दोनों का प्रावधान है एवं इस अधिनियम की सभी धाराएँ संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आते हैं एवं अजमानतीय है।उक्त कार्यक्रम में उपरोक्त के अलावा जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला नजारत उप समाहर्ता, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।


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