वंदना पथ जर्जर, तीर्थ यात्री परेशान, दुर्घटना की बनी रहती है आशंका ।
SHIKHAR DARPANTuesday, October 12, 2021
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पीरटांड़,शिखर दर्पण संवाददाता ।
शरत कुमार भक्त।
झारखंड बिहार का सर्वोच्च पहाड़ पारसनाथ पर्वत के वंदना पथ का हाल बेहाल हो गया है । पिछले दिनों गुलाब चक्र वात में लगातार पांच दिनों तक हुए बारिश के कारण पुरा वंदना पथ बह गया है । उक्त पथ पर पैदल चलना दुभर हो गया है । अति वृष्टि के कारण पथ दर्जनों जगह टुट गया है, सड़क के नीचे का मिट्टी बह गया है एवं दर्जनों जगह जगह गार्डवाल टूट गया है । जिस कारण पारसनाथ पर्वत की यात्रा जो 27 किमी की पैदल यात्रा होती है करना दुभर हो गया है । यात्रा के दौरान हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है । सबसे खराब स्थिति तलहटी से लेकर 5 किलोमीटर तक की है । पहले से ही जर्जर हुए इस पद की हालत उस समय और ज्यादा बिगड़ गई जब लगातार 5 दिनों तक भारी बारिश हुई पथ का पीसीसी टूट गया एवं नीचे से मिट्टी खिसक गया संपूर्ण रास्ते में बड़े-बड़े बॉल्र्डर पड़े हुए हैं जिस कारण चलना कठिन हो गया है ।
यहां यह बता दें कि मधुबन में अभी चातुर्मास करने बड़े-बड़े आचार्य मुनि एवं साधु यहां विराजमान हैं जिस कारण प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में तीर्थयात्री पारसनाथ की बंदना करने के लिए पर्वत पर जाते हैं । यहां यह भी बता दें कि मधुबन न केवल भारत वरन संपूर्ण विश्व में जैनियों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है । यहां प्रत्येक वर्ष देश दुनिया से जैन तीर्थ यात्री पारसनाथ की वंदना करने आते रहते हैं । वंदना पथ के कारण झारखण्ड की बदनामी सम्पूर्ण देश सहित विदेशों में भी हो रही है । दिगंबर समाज के लोग दो बजे रात से ही पर्वत की वंदना प्रारंभ कर देते हैं,
एक तो पर्वत पर कहीं लाइट की व्यवस्था नहीं है दुसरे में उबड़-खाबड़ रोड टोर्च के सहारे 27 किमी के यात्रा में हर समय दुर्घटना का भय बना रहता है । इस बाबत भारत वर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी कई बार पथ निर्माण विभाग, उपायुक्त गिरिडीह को पत्र लिख चुका है । लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा । भारत वर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के वरिष्ठ प्रबंधक सुमन कुमार सिन्हा ने बताया कि वंदना पथ की स्थिति जर्जर होने से तीर्थयात्रियों को होने वाले कष्ट के कारण हमे भी परेशानी का सामना करना पड़ता है समय सीमा के तहत कार्य नही होता है विभाग को इस तीर्थ की महिमा ,ख्याति का ध्यान रखना चाहिए।