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मधुबन मे दुर्गा पूजा1978 से प्रारंभ किया गया, प्रारंभ काल से ही होती है वैष्णवी पूजा।

मधुबन,शिखर दर्पण संवाददाता।

जैनियों के सुप्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन के प्रागंण मे स्नातन धर्म का दुर्गापूजा बडे ही हर्षोउल्लास एवम पूरे धूमधाम के साथ पीछले 43 वर्षो से मनाते आ रहे है।पूजा समिति के स्थाई समिति के अध्यक्ष व संस्थापक सदस्य व पूर्व संरपच जयप्रकाश नारायण लाल ने बताया की मधुबन मे दुर्गा पूजा सन 1978 से प्रारंभ किया गया है।और सन 78 से पूजा लगातार चल रहा है।उन्होंने बताया की पूजा प्रारंभ काल से वैष्णवी पद्बति से चल रहा है।उन्होंने बताया की पूजा प्रारंभ पांच लोग जयप्रकाश नारायण लाल,रामानंद सिंह,बैधनाथ दास,सुरज राय,डां० द्बारिका नाथ गुप्ता,के द्बारा प्रारंभ किया गया था।ततपश्चात समयानुसार समिति मे जुडने लगे।और दिन प्रतिदिन समिति में सदस्यों का काफी इजाफा हो गया।श्री लाल ने बताया की प्रारंभ मे पूजा टेंट लगाकर किया गया।फिर थीरे-थीरे सार्वजनिक स्थल मे मिट्टी का कच्चा मकान बना कर पूजा चला ततपश्चात ग्रामीणों एवम समिति के सदस्यों के द्बारा अथक प्यास से सन 1987 मे जैन श्वेताम्बर सोसायटी के महाप्रबंधक गुणेन्दर चंद बोथरा एवम कर्मचारियों के आर्थिक सहायता से दुर्गा मंदिर का पक्का मकान बन गया।जहाँ पर पूजा अर्चना प्रारंभ है।

श्री लाल ने बताया की पूजा स्थल मे पूजा के समाप्ति के बाद स्थल मे मां का पिण्डी का पूजा नित्यदिन होता है।एवम प्रत्येक मंगलवार एवम शनिवार को भोग व महाआरती का कार्यक्रम चलता रहता है।श्री लाल ने बताया की प्रत्येक वर्ष नवरात्रि पूजा मे मधुबन की महीलाओं के द्बारा भक्ति संध्या एवम आरती तथा मां का क्षमायाचना का पाठ मे सामिल होकर क्षमायाचना व आरती करती है।वही पूजा के सष्ठी दिन से पूरे भब्य तरीके से भक्ति जागरण व मां दूर्गा का गीत प्रस्तुत किया जाता हैं।वही प्रत्येक वर्ष सप्तमी व अष्टमी का भजन स्थानीय कलाकारों के द्बारा प्रस्तुत किया जाता हैं।वही प्रत्येक वर्ष सप्तमी व अष्टमी का भजन स्थानीय कलाकारों के द्बारा प्रस्तुत किया जाता हैं।वहीं प्रत्येक वर्ष अष्टमी की शाम को स्थानीय बच्चीयों के द्बारा डांडिया नृत्य भी किया जाता हैं।जिसमे आस-पास से सैकड़ों लोग उपस्थित होकर आनंद उठाते है।वही नवमी को आदिवासी समुदाय के द्बारा नृत्य प्रस्तुत करवाया जाता हैं।तथा बिजयादसमी को बाहर दूसरे प्रदेश से सुप्रसिद्ध गायक को बुलाकर भक्ति जागरण का कार्यक्रम करवाते आ रहे है।श्री लाल ने बताया की पूजा समिति का एक स्थाई कमिटि का गठन किया गया है।और प्रत्येक वर्ष पूजा महोत्सव समपन्न कराने के लिए एक कमिटि का गठन करते आ रहे है।उन्होंने बताया की इस बार पूजा कमिटि मे पांच परम संरक्षक, पांच सदस्य को संरक्षक एवम 21सदस्यों का समिति बनाकर पूजा की तैयारी प्रारंभ है।

 
 

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