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मुंगेर में माता के भक्तों पर लाठी गोली चलाने वाले पदाधिकारी दंडित हों।

राँची, शिखर दर्पण संवाददाता।

विश्व हिंदू परिषद झारखंड विभाग प्रचार प्रसार प्रमुख अमर प्रसाद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा मुंगेर से अत्यंत मर्माहत करनेवाला समाचार मिला है। माता दुर्गा के भक्त आनंद और उल्लास के साथ भक्ति भावपूर्वक प्रतिमाविसर्जन हेतु जा रहे थे। वहाँ की बड़ी दुर्गा महारानी की प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा में सबसे आगे रहती है। शेष स्थानों की प्रतिमायें क्रमशः पीछे-पीछे रहती हैं।श्रद्धालु मिलकर प्रतिमाओं को आधार सहित कंधे पर उठाकर चलते हैं। प्रतिमाओं के भारी होने के कारण वे तेज नहीं चल पाते हैं। संभवतः यही भक्तों का अपराध था।  वहाँ से प्राप्त जानकारी के अनुसार बासुदेवपुर और मुफस्सिल थाना के प्रभारियों और अन्य प्रतिनियुक्त प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारियों के पास वरीय पदाधिकारियों के फोन आ रहे थे और वे बार-बार शीघ्रता करने की बात कर रहे थे। इसी क्रम में संभवतः पुलिस अधीक्षक के फोन के बाद पुलिस उग्र होकर पहले तो गालीगलौज करने लगी। जब लोगों ने मना किया तो हत्या के उद्देश्य से निशाना लगाकर भीड़ पर गोली चलाने लगी। एक 17-18 वर्ष के युवक को पुलिस के द्वारा सिर में गोली मारी गई। एक बच्चे को पेट में गोलियाँ लगी हैं। कई युवकों को पैर में गोली लगी। दुर्गा प्रतिमा उठाकर चलनेवाले भक्त जब गोलीचालन से डरकर प्रतिमा के पास  बैठ गये, तो उन्हें घेरकर अंधाधुंध लाठियाँ बरसाई गई। दो लोगों की मृत्यु एवं अनेक लोगों के घायल होने की सूचना है। संभवतः स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहली घटना होगी, जब प्रतिमाविसर्जन की शोभायात्रा में पुलिस प्रशासन के द्वारा इस प्रकार से बर्बरतापूर्वक लाठी गोली चलाई गई हो। जिहादियों द्वारा शोभायात्रा पर आक्रमण तो हमेशा होता रहता है, परन्तु पुलिस के द्वारा विसर्जनयात्रा पर ऐसे जघन्य अमानवीय आघात की मुझे स्मृति नहीं।

   पुलिस प्रशासन के द्वारा अकारण ऐसा भीषण आघात की कल्पना भी किसी को नहीं होगी। ऐन मतदान के एक दिन पूर्व ऐसी घोर निदनीय विचित्र कार्रवाई के पीछे मुझे कुछ पदाधिकारियों की मतदान को प्रभावित करने के षडयंत्र की आशंका  लगती है।
  विश्व हिन्दू परिषद के द्वारा बिहार के मुख्य सचिव, चुनाव आयुक्त एवं राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया है। ज्ञापन में माँग की गई है, कि सभी दोषी पदाधिकारियों को तत्काल निलंबित कर चुनाव कार्य से अलग किया जाये। तथा निष्पक्ष न्यायिक जाँच कराकर उन्हें कठोर दंड दिया जाये। 
2. सभी मृतकों के परिजनों क़ो मुआवजा दिया जाये और उसकी राशि दोषी अधिकारियों से वसूली जाये।
3. सभी घायलों का उपचार कराया जाय एवं उन्हें मुआवजा दिया जाये।
4. जो लोग गिरफ्तार हैं उन्हें तुरत मुक्त कराया जाये तथा सभी झूठे मुकदमें वापस लिये जायें।
       उपर्युक्त माँगें यदि नहीं मानी जाती, तो विवश होकर वैधानिक एवं आंदोलनात्मक कार्रवाई का निर्णय लेना पड़ेगा।


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