जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मधुवन मे बन रहे श्री दिगम्बर जैन सौरभांचल भवन मे विराजमान जैनाचार्य विराग सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिराज विश्वयश सागर महाराज ने चातुर्मास के क्रियाकलापों एवम चातुर्मास के दौरान होने वाले विधान,जप,तप,अराधना के बारे मे विस्तार पुर्वक जानकारी दिया । मुनिश्री ने चातुर्मास के दौरान श्रावक,श्राविका, के कर्तव्य एवम साधु-साध्वी के कर्तव्य व अधिकार के बारे मे भी जानकारी दिया ।
प्रवचन के दौरान लोग शोशल डीस्टेंस का पालन करते हुए दिखाई दिया । श्री दिगम्बर जैन शास्वत ट्रस्ट के प्रबंधक प्रद्दुमन जैन ने बताया की धर्म अराधना करें लेकिन सरकार के द्धारा जो आदेश दिया गया है उसे ध्यान पर ही रखकर करे।कोरोना वायरस कोविड 19 को ध्यान रख कर शोशल डीस्टेंस बनाऐ रखे।तभी ही कल्याण है।