उसरी बचाव अभियान फिर होगा तेज, अवैध बालू उठाव के खिलाफ आंदोलन की तैयारी।
SHIKHAR DARPANTuesday, September 16, 2025
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गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।
नदियों को बचाने और अवैध बालू उठाव पर रोक लगाने के लिए उसरी बचाव अभियान ने एक बार फिर कमर कस ली है। सोमवार को नया परिसीमन भवन में हुई बैठक में अभियान के पदाधिकारियों और सदस्यों ने कई अहम निर्णय लिए। बैठक की अध्यक्षता आलोक मिश्रा ने की, जबकि मुख्य वक्ता सूरज नयन थे।बैठक में अभियान संयोजक राजेश सिन्हा ने कहा कि गिरिडीह की नदियों को बर्बाद किया जा रहा है। एनजीटी की रोक के बावजूद प्रशासन की आंखों के सामने लगातार बालू की लूट जारी है। उन्होंने कहा कि छिलका डैम का काम अभी तक अधूरा है, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट कब बनेगा इसकी कोई जानकारी नहीं है, वहीं नदी किनारे वृक्षारोपण और अतिक्रमण रोकने का काम भी ठप है।आलोक मिश्रा और सूरज नयन ने कहा कि गिरिडीह शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत से अवैध बालू उठाव धड़ल्ले से हो रहा है। यदि दो-तीन दिनों में सुधार नहीं हुआ तो अभियान के कार्यकर्ता थाना घेराव और सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इसके लिए अभियान में हजारों लोगों को जोड़ने का संकल्प लिया गया है।राजेश सिन्हा ने बताया कि छिलका डैम के लिए सीसीएल ने 2 करोड़ रुपये दिए हैं, जबकि यह लगभग 4 करोड़ का प्रोजेक्ट है। नगर विकास मंत्री सुदीव्य कुमार सोनू से कई बार बात हुई है और उन्होंने सकारात्मक आश्वासन दिया है। बरसात के बाद काम तेजी से शुरू होने की उम्मीद है। अतिक्रमण रोकने के लिए नदी का सीमांकन और नापी कराना जरूरी है, इसके लिए भी उपायुक्त को ज्ञापन दिया जाएगा।श्री सिन्हा ने आगे कहा कि जनवरी से नदी किनारे हजारों पेड़ लगाए जाएंगे। गिरिडीह डीएफओ ने इसके लिए वादा किया है। इसके अलावा शास्त्री नगर और सिहोडीह में पुल निर्माण भी बरसात के बाद होना तय है।बैठक में यह भी कहा गया कि गिरिडीह के करीब 70 प्रतिशत तालाब और सार्वजनिक जलस्रोत अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुके हैं। कई तालाब पाटकर वहां बस्तियां बसा दी गई हैं, लेकिन अब तक किसी भी सरकार ने इस पर ठोस कदम नहीं उठाया है।बैठक में एकराम अंसारी समेत दर्जनभर सदस्य उपस्थित थे।