गिरिडीह में नाले में बहे मासूम का शव 16 घंटा बाद 3 किलोमीटर दूर से बरामद, नगर निगम की लापरवाही पर भड़का जनआक्रोश।
SHIKHAR DARPANSunday, September 21, 2025
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गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।
गिरिडीह शहर में शनिवार की शाम एक दर्दनाक हादसे का गवाह बना, जिसने पूरे जिले को झकझोर दिया। शहर के गांधी चौक के पास अचानक तेज बहाव वाले नाले में दो वर्षीय मासूम बच्चा बह गया। घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और देखते ही देखते सैकड़ों लोग मौके पर जुट गए। परिजनों और स्थानीय लोगों की तमाम कोशिशों के बावजूद मासूम का कोई सुराग नहीं मिला। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मासूम अपने माता-पिता के साथ कपड़ा खरीदने गांधी चौक आया था। बारिश के बीच मां बच्चे को गोद में लेकर नाले के पास खड़ी थी, तभी अचानक फिसलन के कारण बच्चा गोद से छूटकर नाले में जा गिरा। तेज बहाव होने से वह पलभर में आंखों से ओझल हो गया। इसके बाद परिजन और आसपास के लोगों ने काफी खोजबीन की लेकिन बच्चे का कहीं पता नहीं चल पाया।इस हृदयविदारक हादसे ने पूरे जिले को गहरे शोक में डाल दिया है। अबोध मासूम की मौत ने नगर निगम की कार्यशैली और शहर में नालों की अव्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
*रातभर चला रेस्क्यू अभियान:- सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची। भारी बारिश और अंधेरे के बावजूद तीन जेसीबी मशीनों और सफाईकर्मियों की मदद से नालों की सफाई और खुदाई कर बच्चे की तलाश शुरू की गई। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद भी सफलता नहीं मिलने पर अभियान रोकना पड़ा। इसके बाद रविवार सुबह फिर से अभियान शुरू किया गया। लगातार 16 घंटे चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आखिरकार मासूम का शव तीन किलोमीटर दूर बरामद हुआ। शव मिलते ही इलाके में मातम छा गया और हर किसी की आंखें नम हो गईं। *सड़क पर उतरे लोग, प्रशासन पर गुस्सा:- रविवार सुबह बच्चे का सुराग नहीं मिलने पर स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने जिला प्रशासन और नगर निगम की लापरवाही का आरोप लगाते हुए गांधी चौक और आसपास के इलाकों में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। लोगों का कहना था कि समय रहते अगर प्रभावी कदम उठाए गए होते तो मासूम की जान बचाई जा सकती थी। विरोध को शांत करने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सदर एसडीएम, डीएसपी,नगर थाना प्रभारी समेत भारी पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया।
*नगर निगम पर सवाल:- स्थानीय लोगों का आक्रोश इस बात को लेकर और बढ़ गया कि हादसे के कई घंटे बीत जाने के बाद भी जिले के कई वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे। लोगों का कहना है कि शहर के अधिकांश वार्डों में खुले नाले खतरा बने हुए हैं, लेकिन नगर निगम इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। *उपायुक्त ने की पहल:- हालात बिगड़ते देख गिरिडीह उपायुक्त राम निवास यादव मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान की निगरानी की। उन्होंने आश्वस्त किया कि नगर निगम और जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और आगे ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।