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फुलची और हजारीबाद गांव के जमीन विवाद को सुलझाने आगे आएगा माले।

मनरेगा के नाम पर हो रहे गड़बड़झाले की जांच करेगा दल, आंदोलन की दी चेतावनी।

गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।

फुलची और हजारीबाद गांव के वर्षों पुराने जमीन विवाद को लेकर भाकपा (माले) ने दखल देते हुए मामले को सुलझाने का आश्वासन दिया है। माले नेताओं ने स्पष्ट कहा कि सरकारी अधिकारी और पंचायत प्रतिनिधियों के गड़बड़झाले अब नहीं चलेंगे।फुलची निवासी व्यास देव राय, पिता हरिहर राय ने माले नेताओं को आवेदन देकर जमीन विवाद के समाधान की मांग की थी। आरोप लगाया गया कि मनरेगा के नाम पर स्थानीय मुखिया पति, पंचायत सेवक और कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से जमीन पर कब्जे की कोशिश की जा रही है।माले के जिला नेता राजेश सिन्हा और प्रखंड सचिव कन्हाई पांडेय ने बताया कि 3 सितंबर को जांच दल बनाकर पूरे मामले की जांच की जाएगी। अगर आवेदन में बताए गए तथ्यों की पुष्टि होती है, तो संबंधित विभाग को घेरकर बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।

साथ ही, हजारीबाद गांव के ग्रामीणों से बात कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।माले नेताओं राजेश सिन्हा, कन्हाई पांडेय, मसूदन कोल, लखन कोल, किशोरी राय और पवन यादव के नेतृत्व में फुलची गांव का दौरा किया गया। वहां बजरंगबली मंदिर के समीप बैठक हुई, जिसमें दर्जनों ग्रामीण शामिल हुए।बैठक में हरिहर राय, पुरेंद्र राय, भीम राय, धनंजय राय, दिवाकर राय, बसंत राय, सुधीर राय, अमित कुमार राय, रामचंद्र राय, निलेश कुमार, बासुदेव राय, मंगल राय, व्यास देव राय, गिरिडीह राय, किशोरी राय, परमेश्वर राय, नितेश सहित कई ग्रामीण उपस्थित रहे।ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग भी उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। इस पर माले नेताओं ने आश्वासन दिया कि जल्द ही वन विभाग के अधिकारियों से मिलकर बैठक की जाएगी और ग्रामीणों की समस्याओं को उठाया जाएगा।माले नेताओं ने कहा कि यदि शिकायतों की अनदेखी की गई और ग्रामीणों की जमीन पर जबरन कब्जा किया गया, तो माले सड़क से सदन तक आंदोलन करेगा।

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