दशलक्षण महापर्व के तीसरे दिन मधुबन में श्रद्धा और भक्ति का सैलाब/उत्तम आर्जव धर्म पर प्रवचन, हजारों श्रद्धालु हुए शामिल।
SHIKHAR DARPANSaturday, August 30, 2025
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पीरटांड़,शिखर दर्पण संवाददाता।
जैन धर्मावलंबियों के प्रमुख तीर्थस्थल मधुबन में इस समय पर्यूषण पर्व के अवसर पर दशलक्षण महापर्व पूरे उल्लास और आस्था के साथ मनाया जा रहा है। शनिवार को पर्व का तीसरा दिन उत्तम आर्जव धर्म के रूप में मनाया गया। इस मौके पर सुबह से ही विभिन्न मंदिरों और कोठियों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और पूरा वातावरण भक्ति व आध्यात्म से सराबोर हो गया।
*धार्मिक अनुष्ठानों में जुटे श्रद्धालु:- सुबह के समय 20 पंथी कोठी, अणिंदा पार्श्वनाथ जिनालय, गुणायतन, त्रियोग आश्रम सहित अन्य प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं ने अभिषेक, शांति धारा और भक्ताम्बर पूजन किया। दिनभर धार्मिक अनुष्ठानों का दौर चलता रहा। दोपहर में प्रवचन और सत्संग का आयोजन हुआ, वहीं संध्या कालीन सत्र में भक्ताम्बर पाठ, प्रश्न मंच और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर श्रद्धालुओं को धर्म के महत्व से अवगत कराया गया।
*प्रवचन में साधु-साध्वियों ने समझाया आर्जव धर्म का महत्व:- इस अवसर पर मुनिराजों और माताजी ने अपने प्रवचनों में उत्तम आर्जव धर्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह धर्म व्यक्ति की सरलता और भाव शुद्धता पर बल देता है।उन्होंने कहा कि छल-कपट और जटिलताओं से भरा जीवन व्यक्ति को हमेशा दुख की ओर ले जाता है, जबकि सरलता अपनाने से ही जीवन में सच्चा सुख और शांति मिलती है।
मुनिराजों ने कहा— *“साधु बनना आसान है, पर सरल बनना कठिन।” “धर्म का वास्तविक फल वही व्यक्ति पा सकता है, जो सरल हृदय और स्पष्ट विचारों के साथ जीवन जीता है।” *सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गूंजा मधुबन:- शाम के समय आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने वातावरण को और अधिक भक्तिमय बना दिया। संगीत, नृत्य और भक्ताम्बर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित भी किया गया। *भारी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी:-
पर्व में भाग लेने वालों में अतुल बघेलवार, अतिशय जैन, बिनोद जैन, मनोज जैन, अरविंद जैन, नागेंद्र सिंह, सुमन कुमार सिन्हा, राहुल जैन, अभिनव जैन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और गणमान्य लोग उपस्थित थे।