पश्चिमी सिंहभूम के जिला मुख्यालय चाईबासा में गुरुवार को पुलिस लाइन में 15 नक्सलियों ने डीआईजी मनोज रतन चौथे, डीसी कुलदीप चौधरी और एसपी आशुतोष शेखर के समक्ष आत्मसमर्पण किया। सरेंडर करने वाले 15 नक्सलियों का कई आपराधिक इतिहास रहा है। इनके खिलाफ चाईबासा जिले के अलग-अलग थानों में मामले दर्ज हैं। एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि सुरक्षा बलों के सामने हथियार डालने वाले 15 नक्सलियों में 7 की उम्र 30 साल से कम है। एक नाबालिग है और तीन की उम्र महज 19 साल है। एक नक्सली की उम्र 50 साल है।
पुलिस एवं सुरक्षा बलों का कहना है कि भाकपा माओवादी संगठन के आंतरिक शोषण, भयादोहन एवं पुलिस की लगातार बढ़ती दबिश की वजह से कई नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। नक्सलियों ने झारखंड पुलिस एवं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के समक्ष सामूहिक रूप से सरेंडर किया है।चाईबासा में उग्रवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उग्रवाद प्रभावित थाना क्षेत्र में आम जन के मन में उपजे सुरक्षा भाव को बनाये रखने के लिए 16 नए सुरक्षा कैंप भी बनाया गए हैं। कई महीनों से उनकी घेराबंदी जारी थी। झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की बदौलत नक्सलियों के प्रभाव वाले दर्जनों गांव उनसे मुक्त करा लिये गए हैं। इस अभियान में सुरक्षाबलों को भी नुकसान पहुंचा है।