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पारसनाथ पर्वत को लेकर मधुबन में आदिवासियों का हुआ महा जुटान ।

*कार्यक्रम में पहुचे कई आदिवासी नेता।

पीरटांड़,शिखर दर्पण संवाददाता।

मधुबन स्थित पारसनाथ पहाड़ पर मंगलवार को कई आदिवासी संगठनों के बेनर तले एक विशाल जुलूस निकाली गई, जिसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन, बाबूलाल मरांडी और स्थानीय विधायक सुदीप्य कुमार सोनू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।लोगो ने गिरिडीह विधायक मुर्दाबाद,केंद्र सरकार एवं हेमंत सरकार होश में आओ,गोदी मीडिया जैनो की दलाली करना बंद करो आदि नारे लगाए।पहाड़ पर एक किलोमीटर ऊपर आदिवासियों के पूजन स्थल दिशोम मांझी थान में आदिवासी नेताओं ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं स्थानीय विधायक का पुतला दहन किया।बाद में जुलूस के सकल में सारे लोग मधुबन फुटबॉल मैदान पहुंचे जहां एक विशाल आमसभा का आयोजन किया गया। आमसभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज मधुबन के मामले में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार आदिवासियों को धोखा दिया है ।

सरकार एवं गुनायतन के इशारे पर निर्मल जैन आदिवासियों एवं इनके नेताओं को खरीदना चाह रहे थे जो 7 दिनों तक लगातार मधुबन में गुनायतन में रहकर यह प्रयास किया । वक्ताओं ने जोर देते हुए कहा कि जिस तरह आज मरांग बुरु पारसनाथ को बचाने का आंदोलन किया जा रहा है बहुत जल्द हिंदुओं के लिए भी भोमिया जी को बचाने का आंदोलन छेड़ा जाएगा । वही वक्ताओं ने कहा कि अंग्रेज के जमाने से लेकर लंदन कोर्ट में भी मरांग बुरु आदिवासियों का है यह फैसला दिया गया है तो मैं अपने मरंगबुरू के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं मरांग बुरु आदिवासियों का कल भी था आज भी है और रहेगा भी । वक्ताओं का कहना है कि मरंगबुरू पारसनाथ पर पहला अधिकार आदिवासियों का है । इधर आदिवासियों के जुटान के मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवान को तैनात कर दिया गया है।मधुबन पहुंचने वाले तमाम रास्तों पर पैनी नजर रखी जा रही हैं ।

पूर्व सांसद और सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन सोरेन और जनजाति संगठनों से जुड़े कई लोग पारसनाथ पहाड़ी पर आदिवासियों का पहला हक होने का दावा कर रहे हैं। सालखन के मुताबिक पारसनाथ आदिवासियों के लिए पवित्र तीर्थ स्थल है। जैसे हिन्दू के लिए अयोध्या है, उसी तरह से हमारे लिए मरांगबुरू का महत्व है।इसे बचाने के लिए हम संघर्ष करेंगे।दूसरी तरफ आदिवासी संगठन के विरोध को देखते हुए मधुबन के बाजार पूरी तरह से बंद रही,एक एक दुकानें बंद रहीं। जत्थे में पहुंच रहे आदिवासी जोरदार नारेबाजी कर रहे थे।कार्यक्रम में पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, विधायक लोबिन हेंब्रम, पूर्व सांसद साल्कन सोरेन, शहीद सिद्धू कानू के वंशज मंडल मुर्मू, इंटरनेशनल संथाल कौंसिल के कार्यकारी अध्यक्ष नरेश मुर्मू, बैजू मुर्मू, आयोजक मंडल के सिकंदर हेंब्रम, बुद्धन हेंब्रम,अर्जुन हेंब्रम अमर तुरी सहित कई लोग शामिल थे ।

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