महापारणा महा प्रतिष्ठा एवं जननेश्वरी दीक्षा को लेकर किया प्रेस वार्ता ।
SHIKHAR DARPANTuesday, January 24, 2023
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पीरटांड़,शिखर दर्पण संवाददाता ।
जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मधुबन स्थित बीसपंथी कोठी स्थित प्रवचन सभागार में मंगलवार को साधना महोदधि अंतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य पीयूष सागर जी महाराज ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया । इस अवसर पर सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया । पत्रकारों को संबोधित करते हुए ऋषभ कुमार जैन अहमदाबाद ने कहा कि जीवन में मुक्ति पाना चाहते हैं तो एक बार पारसनाथ पर्वत की वंदना करनी होगी । यह तीर्थ शाश्वत है यह कब बना किसी को पता नहीं है और जब तक धरती आकाश सूर्य चंद्र रहेंगे तब तक यह शाश्वत रहेगा । या नष्ट नहीं हो सकता है । उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के बाद यदि कोई साधक हुआ है तो अंतर मना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज ही हैं ।
कहां की 557 दिन पारसनाथ पर्वत स्थित स्वर्ण भद्र कूट में एकांत मौन साधना इन्होंने किया है । 557 दिनों में 491 दिन निर्जल उपवास रहकर 61 दिनों का पारणा इन्होंने किया जो एक साधारण मनुष्य के लिए भूतो ना भविष्यति है । वैसे जैन धर्म के जितने भी साधु होते हैं 24 घंटा में एक बार ही आहार लेते हैं । जैन ने कहा कि पहली मर्तबा पार्श्वनाथ के मोक्ष स्थल पर कोई साधु 557 दिनों तक एकांत मौन साधना कर रहा है । आज तक ऐसा कोई साधु नहीं किया है । कहा कि 28 जनवरी को आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज पारसनाथ पर्वत से नीचे उतरेंगे जहां आदिवासी समाज स्वच्छता समिति मधुबन पंचायत के सभी ग्रामीण सहित कई संस्थाएं उनका स्वागत करेगी । उन्होंने जोर देते हुए कहा कि महा पारणा महा प्रतिष्ठा जनैश्वरी दीक्षा में देश दुनिया से जो भी जैन श्रद्धालु मधुबन पहुंचेंगे और जो चढ़ावा इस कार्यक्रम में चढ़ाएंगे वह पैसा मधुबन में ही समाज हित एवं धर्म हित में खर्च होगा ।
इस अवसर पर पियूष सागर जी महाराज ने पत्रकारों से कहा कि महापारणा, महा प्रतिष्ठा एवं जैनेश्वरी दीक्षा महा महोत्सव सिर्फ जैन समाज का नहीं है या सर्व समाज के लिए है । यह कार्यक्रम प्रत्येक जीव के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगी । उन्होंने कहा कि आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज 557 दिनों तक जो साधना की है यह सभी जीव के आत्मा के कल्याण के लिए किया गया तप है । महाराज स्त्री ने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है अहिंसा के रास्ते ही सभी समस्याओं का हल किया जा सकता है । अंतर्मना के पंचसूत्र को बताते हुए महाराष्ट्र ने कहा कि पहला प्रतिस्पर्धा से प्रगति की ओर । दूसरा तनाव से प्रेम की ओर । तीसरा मानवता से राष्ट्रीयता की ओर । चौथा मुस्कान से परमात्मा की ओर । एवं पांचवा चरित्र से संवेदना ओं की ओर है । यहां यह बता दें कि 28 जनवरी से 3 फरवरी तक यह कार्यक्रम मधुबन में आयोजित किया गया है जिसमें 28 एवं 29 जनवरी को योग गुरु बाबा रामदेव इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं ।