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बगोदर बचाओ संघर्ष समिति ने जननायक कर्पूरी ठाकुर का मनाया जयंती।

बगोदर,शिखर दर्पण संवाददाता।

स्वतंत्रता सेनानी शिक्षक व सामाजिक बदलाव के योद्धा रहे जननायक कर्पूरी ठाकुर न सिर्फ जंगे आजादी में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाए, बल्कि समाज में दबे कूचले एंव उत्पीड़ित तबका को, समाज के मुख्य धारा से जोड़ने के लिए , आवाम को संगठित कर सामाजिक (न्याय) परिवर्तन की लड़ाई को मजबूती प्रदान करने में समर्पित थे, सन 1952  में पहली बार बिहार विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए, एक बार उप मुख्यमंत्री व दो बार मुख्यमंत्री का जिम्मेदारी ब खूबी निभाए, अपने शासनकाल में, ओबीसी को  संविधान में वर्णित 26 प्रतिशत आरक्षण को लागू कर देश में इतिहास रचा था, शिक्षा के क्षेत्र में अंग्रेजी के अनिवार्यता को समाप्त कर यूवा वर्ग को,मैट्रिक के बाद उच्च शिक्षा के लिए रास्ता प्रशस्त कर हौसला अफजाई किया था।

आर्थिक रुप से कमजोर छात्र छात्राओं को मैट्रिक तक निः शुल्क शिक्षा का शौगात दे कर, शिक्षा के बदतर स्थिति को सामाजिक स्तर पर बेहतर करने के दिशा में सार्थक पहल किया था, कर्पूरी ठाकुर का वक्तीगत संपत्ति बोलकर समाज में कुछ नहीं था यहां तक-के-रहने के लिए ,  घर भी नहीं था, देश और समाज के लिए सर्वस निछावर थे।बगोदर बचाओ संघर्ष समिति जननायक कर्पूरी ठाकुर को नमन करते हुए उनके जयंती पर,  महान क्रांतिकारी के विचारधारा को अपने जीवन में आत्मसात  कर, सशक्त और मजबूत समाज निर्माण का संकल्प लेती है। बैठक में, मुमताज अंसारी, विश्वनाथ साव, शाहनवाज अंसारी, भीखीराम पासवान, ललिता ठाकुर, कुंजलाल साल, इमामन अंसारी, नरेश ठाकुर, शोएब खान, नंदकिशोर तुरी, सुरेश रबिदास, शिवलाल दास, इस्लाम अंसारी समेत दर्जनों महिलाएं शामिल थी।

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