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नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है।

शिखर दर्पण संवाददाता।

नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां स्कन्दमाता की आराधना करने वाले भक्‍तों को सुख शान्ति एवं शुभता की प्राप्ति होती है। देवासुर संग्राम के सेनापति भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जानते हैं। स्कंदमाता हमें सिखाती हैं कि जीवन स्वयं ही अच्छे-बुरे के बीच एक देवासुर संग्राम है व हम स्वयं अपने सेनापति हैं। हमें सैन्य संचालन की शक्ति मिलती रहे। इसलिए स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए। इस दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में अवस्थित होना चाहिए, जिससे कि ध्यान वृत्ति एकाग्र हो सके। यह शक्ति व सुख का अनुभव कराती हैं।

*ऎसे करें पूजा:- नवरात्र के पांचवें दिन की पूजा में श्वेत रंग के वस्त्रों का प्रयोग कर सकते हैं। यह दिन बुध ग्रह से संबंधित शांति पूजा के लिए सर्वोत्तम।

*ध्यान मंत्र: - "सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया.

शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी "



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