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नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञों ने तीसरी लहर को बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक एवं दूसरी लहर से ज्यादा भयावह होने का जताया अंदेशा।

राँची, शिखर दर्पण संवाददाता।

देशभर में कोरोना महामारी के संभावित तीसरे लहर की चर्चा शुरू हो गई है। जानकार तीसरे लहर को बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक मान रहे हैं। संभावित तीसरे लहर को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से कई कदम उठाए जा रहे है। अस्पतालों में बच्चों के लिए अलग से बेड की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किये जा रहे है।  शिशु रोग विशेषज्ञों से जानने का प्रयास किया गया कि कोरोना महामारी के तीसरे लहर से बच्चों को कैसे बचाया जा सकें। पेश है नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञों की राय।

*वयस्कों का वैक्सीन नहीं लेना, बच्चों के लिए चिंता का विषय-डॉ भोगान हेम्ब्रम:-

नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ भगान हेम्ब्रम के मुताबिक कोरोना महामारी की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक और दूसरी लहर की तुलना में ज्यादा भयावह हो सकती है। तीसरी लहर के ज्यादा भयावह होने का प्रमुख कारण 2 से 18 वर्ष के बच्चों एवं किशोरों का वैक्सिनेशन नहीं होना हो सकता है। ग्रामीण इलाकों में वयस्कों का वैक्सीन नहीं लेना भी बच्चों के लिए चिंता का कारण बन सकता है, क्योंकि बच्चे वयस्कों से ही  संक्रमित होंगे। देशभर में 14 प्रतिशत बच्चे संक्रमित हो चुके है। दूसरी लहर में म्यूटेंट B.1.617 वायरस बच्चों में पाया गया है। तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए जरूरी है कि शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टॉफ को कोविड गहन आईसीयू चिकित्सा सेवा का प्रशिक्षण दी जाए। वयस्कों का वैक्सिनेशन किया जाएं। बच्चों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए प्रेरित करें। बच्चे मास्क पहने एवं सोशल डिस्टेंस का पालन करें। बच्चों को प्रोटीन भोजन दिया जाए तथा इम्युनिटी को बनाए रखने पर जोर दे।

*बच्चों का रूटीन वैक्सीन कराए, इम्युनिटी मजबूती पर दे जोर-डॉ अभिषेक मुंडू:-

नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अभिषेक मुंडु के मुताबिक महामारी का तीसरा लहर छोटे बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। जरूरी है कि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जायें। परिवार के सदस्य वैक्सीन जरूर लगाएं ताकि वयस्कों के कारण बच्चे संक्रमित ना हो। बच्चों को सामान्य रूप से लगने वाली रूटीन वैक्सीन जरूर लगवाए ताकि दूसरी बीमारियों से बच्चे बच सकें। उन्होंने बताया कि वयस्कों की तरह बच्चों में कोविड के लक्षण देखने को नहीं मिल रहे है। बुखार-सर्दी के बजाए बच्चों में लूज मोशन, शरीर में दाना पड़ना, आंख लाल होना जैसे लक्षण पाए जा रहे है। बच्चों की इम्युनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए उन्हें हेल्दी डाइट देना जरूरी है। बच्चों को प्रोटीनयुक्त आहार प्रदान की जाएं। बच्चे सुपर स्प्रेडर बने, इससे बेहतर है कि बच्चों को कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करने के प्रति जागरूक करें।

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