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सम्मैद शिखरजी मे पधारे विशुद्ध सागर महाराज 29 पीच्छीयो के साथ आने से पूरा तीर्थ नगरी क्षेत्र गूँज उठा।

मधुवन,शिखर दर्पण संवाददाता।

शाश्वत तीर्थ राज सम्मैद शिखरजी मे पधारे दिगम्बर जैनाचार्य विशुद्ध सागर महाराज 29 पीच्छीयो के साथ आने से पूरा तीर्थ नगरी क्षेत्र गूँज उठा शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर जी की पवित्र धरती, जब चर्या शिरोमणि विशुद्ध सागर जी महासंघ का धर्म चरण पड़ा मोक्ष नगरी मे जिस घड़ी का इंतज़ार सभी ने एक साल किया, वह अविस्मरणीय, अलौकिक, मनोरम, मनमोहक घड़ी हुई पूर्ण जब परम पूज्य चर्या शिरोमणि आचार्य रत्न विशुद्ध सागर जी महाराज विशाल संघ 27 दिगम्बर मुनि, एक ऐलक, 25 संघस्थ बाल ब्रह्मचारियों के साथ शाश्वत भूमि तीर्थराज सम्मेद शिखर जी में भव्य मंगल प्रवेश मे प्रवेश हुवा तब पूरे तीर्थ क्षेत्र खुशी की लहर दौड गया।

गौरतलब हो की आचार्य श्री रविवार को बिहार बंगाल उडीसा तीर्थ क्षेत्र कमिटि तेरापंथी कोठी के विशाल प्रवचन हाल मे धार्मिक प्रवचन दिया।उन्होंने अपने प्रवचन मे तीर्थ की महीमा पर विस्तार पूर्वक जानकारी दिया।एवम बताया की सम्मेदशिखर पर्वत मे जैनधर्म के 24 तीर्थकर मे से 20 तीर्थकरो का निर्वाण प्राप्त हुवा है।अपने ईतिहास व शास्त्र मे लिखा है की जो भी व्यक्ति ईस तीर्थ स्थल का भाव सहित वंदन कर लेता है तो वैसे व्यक्ति कभी नरक पशुगति नहीं होता है।उन्होंने बताया की पर्वत 49,33 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र मे फैला है।

ततपश्चात आचार्य श्री पूरे ससंध के साथ पारसनाथ पर्वत का वंदना के लिए रविवार की देर शाम को रवाना हो  गए ततपश्चात रात्री को उपर पर्वत मे ही रात्री विश्राम कर सोमवार की प्रातःकाल पर्वत की वंदना करके सोमवार की शाम को पर्वत के नीचे उतरकर सीधे श्री दिगम्बर जैन तेरापंथी के संत निवास पर पदस्थापना करेगे।कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुरेश सेठी कनकी,अजीत पान्डीया,कमल काला,पानीराज हेगडे आदि लोग उपस्थित थे।

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