शिखर दर्पण संवाददाता।नवरात्रि का पर्व नो दिनों तक मनाया जाता है। नवरात्रि में हर दिन मां दुर्गा के अलग अलग अवतारों की पूजा की जाती है।नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा देवी की पूजा का विधान है।नवरात्रि का चौथा दिन माता कुष्मांडा को समर्पित है।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां कुष्मांडा की पूजा करने से आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। मां कुष्मांडा की विधि विधान से पूजा करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। मान्यता है कि मां कुष्मांडा संसार को अनेक कष्टों और संकटों से मुक्ति दिलाती हैं।इस दिन लाल रंग के फूलों से पूजा करने की परंपरा है,क्योंकि मां कुष्मांडा को लाल रंग के फूल अधिक प्रिय बताए गए हैं।मां कुष्मांडा की पूजा विधि पूर्वक करने के बाद दुर्गा चालीसा और मां दुर्गा की आरती जरूर करनी चाहिए।