जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मधुबन में पिछले तीन दिनों से पेयजल आपूर्ति ठप्प पड़ा है । विभाग अपनी कुंभकर्णी निद्रा में सोयी है । मधुबन के ग्रामीणों ने बताया कि मधुबन में पिछले तीन दिनों से पानी का सप्लाई बंद पड़ा है लोग पानी के लिए हाहाकार कर रहे हैं और विभाग चुपचाप सोई हुई है । विभाग के जेई एवं जल सहिया का कहना है कि मशीन में खराबी के कारण पेयजल आपूर्ति बंद पड़ा हुआ है इसे जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा और पानी सप्लाई चालू कर दी जाएगी ।
उपभोक्ताओं का कहना है कि पानी सेवा बंद के लिए इसका जिम्मेवार मधुबन के स्थानीय जनप्रतिनिधि हैं उनको जिस तरह पानी का जिम्मा विभाग की ओर से दिया गया है उस तरह का कार्य नहीं कर पा रहे हैं जिस कारण बार-बार पानी सप्लाई बंद कर दिया जाता है ग्रामीणों ने उन्हें इस्तीफा देने एवं नया चुनाव कराने की मांग की है । ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में भी मशीन में खराबी आ थी जब 3 दिन का पानी स्टॉक था लेकिन इस बीच मशीन नहीं बनवाया गया । यहां यह बता दें कि मधुबन चिरकी ग्रामीण जलापूर्ति योजना समिति मैं कोई बाहरी लोग सदस्य नहीं बन सकते हैं मधुबन पंचायत के मुखिया इस का पदेन अध्यक्ष होगा वही पीएचडी विभाग के एक अधिकारी सचिव और जलसहिया कोषाध्यक्ष होगी ।
मधुबन चिरकी के लोगों को निर्बाध गति से पानी मिले इसके लिए सरकार ने तीन-तीन मशीन बराकर में लगा रखी है लेकिन समिति के लोग जानबूझकर दो मशीन हर समय खराब रखते हैं और एक ही मशीन काम करता है इस मशीन के खराब हो जाने से पेयजल आपूर्ति बंद हो जाती है फिर इसको बनवाने में सप्ताह 15 दिन का समय लग जाता है जिससे पानी का सप्लाई बाधित हो जाता है ग्रामीणों का कहना है कि समिति में फंड की कोई कमी नहीं है फिर भी समिति के लोग ध्यान नहीं देते हैं ।अगला सप्ताह लगातार लाल पानी सप्लाई किया गया पानी फील्टर करने के लिए एलम नहीं डाला गया । केवल बरसात के दिनों में ही पानी फील्टर के लिए एलम डाला जाता है बाकी के दिनों में तो बराकर का स्वच्छ पानी डायरेक्ट लोगों को पिलाया जाता है वही समिति के लोगों का कहना है कि जलसहिया के पति का मृत्यु हो जाने के कारण कुछ विलंब हुआ है इसको जल्दी सब ठीक कर लिया जाएगा ।