बीजेपी द्वारा जारी प्रदेश कमिटी की नयी सूची के बाद बाबूलाल मरांडी के साथ साथ झाविमो से बीजेपी में गए नेताओ में मायूसी छा गयी है. जानकारी के अनुसार करीब 151 पदाधिकारियों के साथ बाबूलाल मरांडी ने भाजपा का दामन थामा था. उस समय यह समीकरण बना था की भाजपा की कमिटी में 60-40 की तर्ज पर दोनों दलों के पदाधिकारियों को जगह मिलेगी, यानी 60 फीसदी भाजपा और 40 फीसदी झाविमो के पदाधिकारियों को. मगर कमिटी विस्तार में केवल तीन लोग मरांडी के करीबी विनोद शर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष, अभय सिंह धनबाद जिला प्रभारी और सरोज सिंह को प्रवक्ता बनाया गया है. इसके अतिरिक्त झाविमो से बीजेपी में गए किसी अन्य पदाधिकारियों को प्रदेश, जिला, महानगर एवं मंच-मोर्चा में जगह नहीं दिया गया है ।
बीजेपी की नयी लिस्ट से झाविमो के पदाधिकारियों में गुस्सा और मायूसी दोनों छा गया है. कई कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियों ने यहां तक कह दिया है की बाबूलाल मरांडी का तो अपना कैरियर बन गया, मगर अब वे पार्टी में सिर्फ झंडा ढोने के लिए रह गए है. अब उन्हें केवल जिंदाबाद-मुर्दाबाद कहने या भीड़ बढ़ाने के लिए छोड़ दिया गया है. झाविमो से बीजेपी में गए पदाधिकारी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है. मरांडी के लिए अपने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ को मनाना या साथ लेकर चलना अब एक बड़ी चुनौती होगी. हालांकि झाविमो के पदाधिकारियों को अब ये कहकर सांत्वना दिया जा रहा है कि अब भी बहुत संभावनाएं बानी हुई है. मंच, मोर्चा, जिला, महानगर के लिए अभी अध्यक्षों की घोषणा हुई है. जब इन कमिटियों का विस्तार होगा तो झाविमो के पदाधिकारियों को बूथ स्तर में जगह देकर डैमेज कंट्रोल किया जायेगा. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार झाविमो से बीजेपी में गए पदाधिकारियों में व्याप्त आक्रोश जल्द ही सतह पर नजर आ सकता है. पार्टी सूत्रों के अनुसार जेवीएम के बहुत से नेता-कार्यकर्ता बीजेपी छोड़कर दूसरी पार्टियों में शामिल होने की तैयारी में है ।