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सैकड़ों सालों की टुटी परम्परा।

पीरटांड,संवाददाता ।

नहीं निकली रथयात्रा                                        मंदिर में निभाई गई रस्मे ।

 जिले का एकमात्र ऐतिहासिक तथा अति प्राचीन पालगंज स्थित श्री जगन्नाथ जी का मंदिर में 150 वर्षो के इतिहास में पहली बार रथयात्रा नही निकाली गई।मंदिर के पुजारी  विमल उपाध्याय ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है की मंदिर से जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा नही निकाली गई।कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।हालाँकि पूरे विधि विधान से मंदिर में ही भगवान की पूजा अर्चना की गई। पूजनोपरांत मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया गया ।

इसके पूर्व सोमवार को भी शाम के वक्त संध्या आरती के बाद रात्रि में विशेष पूजा अर्चना एवं बंस रोपण का विधान किया गया । मौके पर रात्रि जागरण का भी आयोजन किया गया ।वहीं मंगलवार को रथयात्रा महोत्सव के दिन मंदिर के गुंबद में ध्वजा रोहण कर भगवान की पूजा अर्चना ओर आरती उतारी गई ।

फिर भक्तों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया।।कार्यक्रम को सफल बनाने में मंदिर के पुजारी बिमल उपाध्याय ,अनुज उपाध्याय, बासुकीनाथ उपाध्याय,,वशिष्ठ वत्स,अभय उपाध्याय, दिवाकर भक्त,,श्वेतांक उपाध्याय,आदि का सराहनीय योगदान रहा।

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