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पारसनाथ पर्वत पर पुलिस और बाइक चालकों के बीच तनातनी, बैठक के बाद सुलह की कोशिश।

पीरटांड़,शिखर दर्पण संवाददाता।

पारसनाथ पर्वत पर शनिवार को पुलिस और बाइक चालकों के बीच हुई झड़प के बाद रविवार को माहौल शांत कराने की कोशिश की गई। मारपीट की घटना के विरोध में बाइक चालकों द्वारा शनिवार देर शाम मधुबन थाना के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया था। जिसके बाद रविवार को दोनों पक्षों की बैठक कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया गया। बैठक में वाहन परिचालन को लेकर नियम-कानून पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि पैदल अथवा वंदना मार्ग पर बाइक परिचालन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा, जबकि अन्य मार्गों पर केवल लाइसेंसी चालकों को ही बाइक चलाने की अनुमति दी जाएगी। गौरतलब है कि पारसनाथ वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र में वन्य जीव संरक्षण और डोली मजदूरों के हितों को ध्यान में रखते हुए पूर्व राज्य सरकार ने वाहन परिचालन पर रोक लगाई थी।

इस रोक को लागू कराने के लिए स्थानीय पुलिस को निर्देश भी दिए गए थे, परंतु समय के साथ यह नियम कागजों में सिमट कर रह गया। वर्तमान में मधुबन, पीरटांड़ और आसपास के गांवों के करीब पांच सौ बाइक चालक पर्वत मार्ग पर तीर्थयात्रियों को ले जाने का कार्य करते हैं। यह व्यवस्था स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार का प्रमुख साधन बन चुकी है। बाइक चालकों की आय ऑफ-सीजन में प्रतिदिन लगभग एक हजार रुपये और भीड़भाड़ के समय दो हजार रुपये तक हो जाती है। शनिवार को पुलिस द्वारा कुछ बाइक चालकों के साथ मारपीट की घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। आक्रोशित चालकों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। हालांकि रविवार को हुई बैठक के बाद दोनों पक्षों के बीच सुलह का रास्ता निकल आया। विवाद के चलते रविवार को पहाड़ पर बाइक परिचालन पूरी तरह बंद रहा। यहां यह बताते चलें कि ग्रामीणों के हो हल्ला से बचने के लिए यह बैठक पहाड के रास्ते में की गई ।

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