जिला उपायुक्त ने पोषण अभियान को लेकर पोषण जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना।
SHIKHAR DARPANTuesday, September 23, 2025
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*● पोषण रथ जिले के विभिन्न प्रखण्डों एवं पंचायतों में भ्रमण कर आमजनों को करेगा जागरूक।
गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।
राष्ट्रीय पोषण माह 2025 को लेकर जिला उपायुक्त रामनिवास यादव ने आज समाहरणालय परिसर से तीन पोषण जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया बंधुओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह पोषण रथ जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों, प्रखंडों का परिभ्रमण कर लोगों को पोषण के प्रति जागरूक करने का काम करेगी। पोषण रथ बच्चों और महिलाओं को पौष्टिक आहार देने के लिए लोगों जागरूक करेगा। इसमें सहिया, सेविका, पोषण सखियां भी अपना योगदान देंगी। लोगों को समझाया जाएगा कि बच्चों को जन्म के 6 माह तक सिर्फ मां का दूध पिलाने, 6 माह पूरे होने के बाद बच्चे को स्तनपान के साथ-साथ पूरक आहार देने, बच्चों को घर का बना ताजा गाढ़ा मसाला हुआ भोजन दिन में 3 से 5 बार देने, भोजन में पौष्टिक खाद्य पदार्थ शामिल करने इत्यादि से संबंधित जानकारी दी जाएगी। यह अभियान 16 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। उपायुक्त ने सभी को *"सही पोषण देश रोशन"* की शपथ दिलाई।
जिसमें भारत के बच्चों, किशोरों और महिलाओं को कुपोषण मुक्त स्वास्थ्य, राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान हर घर तक सही पोषण का संदेश पहुंचाने, अभियान को देशव्यापी जन आंदोलन बनाने, हर घर, हर विद्यालय, हर गांव, हर शहर में सही पोषण का अलख जगाने की शपथ दिलाई। इसके पश्चात उपायुक्त ने समाहरणालय परिसर में 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के तहत वृक्षारोपण किया। जो पर्यावरण संरक्षण के एक राष्ट्रव्यापी प्रयास का हिस्सा है। इस अभियान का उद्देश्य माँ के प्रति सम्मान व्यक्त करना और पर्यावरण को हरा-भरा बनाकर भविष्य को सुरक्षित रखना है। यह अभियान लोगों को अपनी मातृभूमि और प्रकृति की रक्षा करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे एक हरे-भरे और स्वस्थ भविष्य का निर्माण हो सके। आगे उपायुक्त ने कहा कि वृक्षारोपण के साथ-साथ पेड़ों की सुरक्षा भी हम सबकी जिम्मेवारी है। मौके पर उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी ने कहा कि कहा कि पोषण माह का मुख्य उद्देश्य समाज में कुपोषण को समाप्त करना तथा बच्चों एवं महिलाओं को संतुलित आहार के महत्व के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि बच्चों को जन्म के छह माह तक केवल माँ का दूध ही दिया जाना चाहिए तथा छह माह के उपरांत स्तनपान के साथ-साथ पूरक आहार देना आवश्यक है।
बच्चों को दिन में 3 से 5 बार घर का बना ताज़ा एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना चाहिए, जिसमें हरी सब्ज़ियाँ, दाल, अनाज, अंडा, दूध एवं मौसमी फल सम्मिलित हों, संतुलित आहार से ही बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान को सफल बनाने में सहिया, सेविका एवं पोषण सखियों की सक्रिय भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण होगी और प्रत्येक परिवार को पोषण माह को जन-आंदोलन के रूप में अपनाना चाहिए। वहीं जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनीता कुजूर ने बताया कि अभियान के दौरान बताया जाएगा कि आंगनबाड़ी केंद्र से मिलने वाले पोषाहार की सही खुराक बच्चों की उचित वृद्धि में सहायता करती है। प्रत्येक माह आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे का वजन और लंबाई नापने, पोषण एवं स्वच्छता दिवस पर सूची के अनुसार आवश्यक टीकाकरण करवाने के साथ बच्चों का मन बहलाते हुए और उन्हें लोरी या कहानी आदि सुनाकर धैर्य से भोजन कराने के लिए प्रेरित किया जएगा। मौके पर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अंजना भारती, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका, सेविका, सहायिका समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।