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स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिला उपायुक्त ने की समीक्षा बैठक, दिए जरूरी दिशा-निर्देश।

गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता। 

समाहरणालय सभागार में आज जिला उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की विस्तृत समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की पूर्व में हुई समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देश के आलोक में किए गए कार्यों की जानकारी दी गई। बैठक में उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, विशेष प्रमंडल, कार्यपालक अभियंता, भवन प्रमंडल, अस्पताल उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, WHO के प्रतिनिधि, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।बैठक में जिले में संचालित स्वास्थ्य योजनाओं की प्रगति, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और उनके गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन की विस्तृत समीक्षा की गई। उपायुक्त ने जिले के निर्माणाधीन स्वास्थ्य भवनों एवं उपकेंद्रों के कार्य शीघ्र पूरा करने, पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सुदृढ़ करने तथा बाल लिंगानुपात सुधार हेतु PCPNDT एक्ट के तहत प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

उपायुक्त ने आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को मिल रहे लाभ की समीक्षा के क्रम में सिविल सर्जन सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को इस पर विशेष ध्यान देने एवं प्रभावी तरीके से आयुष्मान भारत योजना का संचालन करते हुए प्रत्येक योग्य मरीज को योजना से लाभान्वित करने का निर्देश दिया। संस्थागत प्रसव संबंधित मामलों की समीक्षा में क्रम में उपायुक्त ने सदर अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों में हो रहे प्रसव आदि की जानकारी लेते हुए उपलब्ध सुविधाओं को और भी प्रभावी तरीके से संचालित करने का निर्देश दिया वहीं उन्होंने प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं अथवा बच्चों की मृत्यु से संबंधित मामलों की गंभीरता पूर्वक जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। मातृत्व स्वास्थ्य अंतर्गत विभिन्न कार्यों की समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व जांच ससमय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

इसके अलावा ई-संजीवनी पोर्टल पर चिकित्सकों की सक्रियता बढ़ाने और निष्क्रिय पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। कुपोषण उन्मूलन पर विशेष ध्यान देने की बात कहते हुए उपायुक्त ने गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें कुपोषण उपचार केंद्र (MTC) भेजने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण, एएनसी जांच एवं नियमित टीकाकरण की अनिवार्यता सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। कुपोषित बच्चों के इलाज हेतु उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने वर्तमान में एमटीसी केंद्र के माध्यम से कुपोषित बच्चों के इलाज की केंद्रवार जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने केंद्र का प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने तथा समाज कल्याण विभाग से समन्वय करते हुए कुपोषित बच्चों का इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि जिले की आमनगरिकों को गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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