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सरकारें बदलती हैं लेकिन रोजगार को लेकर ठोस नीतियां नहीं बनतीं - माले।

गिरिडीह, शिखर दर्पण संवाददाता।

सदर प्रखंड के करहरबारी पंचायत के गुहियाटांड़ गांव में आज भाकपा माले के स्थानीय ब्रांच की एक बैठक हुई जिसमें पंचायत के सभी गांवों में पार्टी ब्रांचों का गठन करते हुए स्थानीय जन मुद्दों पर संघर्ष तेज करने का निर्णय लिया गया।बैठक की अध्यक्षता सोनाराम टुडू तथा संचालन स्वर्ण चौड़े ने करते हुए कहा कि इस इलाके में रोजगार एक बड़ी समस्या है। स्थानीय लोगों के पास रोजी-रोटी का कोई स्थाई साधन नहीं है, लोग एकमात्र कोयले पर निर्भर हैं। मनरेगा की स्थिति भी बदतर है। यहां के लोगों का भविष्य क्या होगा यह समझ से परे है।वहीं, पार्टी सदस्यों को संबोधित करते हुए राज्य कमेटी सदस्य राजेश कुमार यादव ने कहा कि झारखंड में सरकारें बदल रही हैं, लेकिन पलायन रोककर रोजगार देने की कोई ठोस नीति नहीं बन रही जिसके कारण यह स्थिति बनी हुई है। लॉकडाउन के बाद रही- सही कसर भी पूरी हो गई है। उन्होंने लोगों से संगठन के साथ जुड़कर अपने हक-अधिकारों की लड़ाई तेज करने तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार के सवाल पर रणनीति बनाते हुए संघर्ष तेज करने का आह्वान किया।इधर, पार्टी के जिला कमेटी सदस्य एवं गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि विकास के नाम पर लूट का जो खेल लंबे समय से चल रहा है उस पर रोक लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी दफ्तरों में आम लोगों के साथ न्याय नहीं होता। उन्हें छोटे-मोटे कार्य के बदले भी पैसे देने पड़ते हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए।आज के कार्यक्रम में अन्य लोगों के अलावा सिराज अंसारी, मनोज हंसदा, रामेश्वर टुडू, झुपरा मुर्मू, वीरेंद्र बेसरा, झुनु बेसरा, प्रधान टुडू आदि मौजूद थे।

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