पीरटांड़।
शरत कुमार भक्त
गिरिडीह के पीरटांड प्रखण्ड स्थित बिशुनपुर पंचायत के पीपराडीह गांव में भूमिविवाद में ग्रामीणों ने 30 वर्षीय युवक सुरेश मंराडी का सेंदरा पारंपरिक हथियारों से कर दिया। जिस जमीन को लेकर दो आदिवासी टोलो के बीच खूनी संघर्ष हुआ है। वह भूदान द्वारा सुरेश मंराडी के पिता समेत उसके गोतिया के लोगों का बताया जाता है।जानकारी के अनुसार मृतक सुरेश मरांडी कई नक्सली कांड में भी शामिल था। सुरेश मंराडी को चार तीर लगने की बात सामने आई है। तीर-धनुष और टांगी समेत पांरपरिक हथियार से लैस हो कर पहुंचे 500 की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ पीपराडीह के दुसरे टोले के आदिवासी थे। जबकि पीपराडीह गांव के जिस आदिवासी टोले में यह वीभत्स घटना हुई है। वह दुसरे छोर में है।
जानकारी के अनुसार शनिवार की यह घटना बीतें 4 जून को दुसरे टोले के हीरा लाल किस्कू की हत्या का प्रतिशोध बताया जा रहा है। हीरा लाल किस्कू की हत्या के बाद पीरटांड थाना में हीरा लाल के परिजनों ने सुरेश समेत सात नामजद पर हत्या का आरोप लगाकर केस दर्ज कराया था। केस दर्ज होने के बाद से सुरेश मंराडी समेत सातों फरार था। शनिवार की सुबह दुसरे टोले के ग्रामीणों को जानकारी मिली, कि सुरेश मंराडी समेत सातों अपने-अपने घर आएं हुए है। इसी जानकारी के बाद हीरा लाल के टोला ओर बगल के एक टोला के पांच सौ ग्रामीण सुरेश मंराडी के टोला पहुंचते ही घेर लिया। सुरेश मंराडी का सेंदरा करने से पहले ग्रामीणों ने सुरेश समेत उसके चार गोतिया के घर को घेर लिया। इसके बाद चारों के घर को आग के हवाले कर दिया। यही नही सबों के घर के दरवाजे भी बाहर से बंद कर दिया। इस दौरान इस टोले के बाहर बांस-बल्ली का गेट बना दिया। जिसे कोई भाग नहीं सके। ग्रामीणों ने जिनके घरों को आग के हवाले किया। उसमें मृतक सुरेश के पिता मोती लाल मंराडी, रसिक मंराडी, बिहारी मंराडी, करमा मंराडी शामिल है।
आग लगाने के बाद मृतक नक्सली सुरेश मंराडी समेत कई महिलाओं और बच्चों की जमकर पीटाई भी की। इसी बीच मृतक नक्सली का मामा छोटू मंराडी भी सूचना पर पहुंचा, तो ग्रामीणों ने बताया कि गावँ में कोरोना है।यहीं रुको आगे मत जाओ।पुलिस ने दिखाई ततपरता बड़ा हादसा होने से टला-- इस बीच जानकारी मिलने के तुरंत ही पीरटांड थाना पुलिस पहुंची ओर बड़ी घटना को होने से रोका।हालांकि ग्रामीणों की संख्या अधिक रहने के कारण थाना प्रभारी अशोक प्रसाद समेत पुलिस जवान स्थिति को बहुत ही मुश्किल से संभाल पाएं।स्थिति संभालने के पुलिस को 5 राउंड फायरिंग भी करनी पड़ी।हालांकि इस बीच ग्रामीणों की भीड़ ने सुरेश के परिवार समेत उसके गोतिया के आठ लोगों को जिंदा जलाने का प्रयास किया। पुलिस के कार्रवाई के बाद ग्रामीणों की भीड़ पीछे हटने को मजबूर हुई। इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद डीसी राहुल सिन्हा, एसपी सुरेन्द्र झा, डुमरी एसडीएम प्रेमलता मुर्मु, एएसपी दीपक कुमार और डुमरी एसडीपीओ नीरज सिंह,इंस्पेक्टर दिनेश सिंह,पीरटांड़ बीडीओ समीर अल्फ्रेड मुर्मु,सीओ विनय प्रकाश तिग्गा, थाना प्रभारी अशोक प्रसाद,सहायक अवर निरीक्षक अनीस पांडेय,अनितेश पांडेय समेत काफी संख्या में पुलिस जवान पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। इस दौरान डीसी के निर्देश पर आगलगी का शिकार हुए सुरेश मंराडी समेत उसके गोतिया के घरों का आग बुझाया गया। लेकिन घटना में चार परिवार के सदस्यों का सब कुछ जल गया।
पीड़ित परिवार को बिशुनपुर विद्यालय में किया गया शिफ्ट-स्थिति यह है कि अब पीड़ित लोगों ने गांव में रहने से भी इंकार कर दिया। फिलहाल डीसी के निर्देश पर प्रभावित लोगों को बिशनपुर पंचायत भवन के स्कूल भवन में रखा गया है। गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस अब भी कैंप की हुई है।