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विश्वप्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल पारसनाथ में यात्रियों को नहीं मिल रही शौचालय की सुविधा, गंधर्वनाला का शौचालय बना दिखावा।

पीरटांड़,शिखर दर्पण संवाददाता।

गौरव भक्त

जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मधुबन स्थित पारसनाथ पर्वत में यात्रियों की सुविधा के लिए बनाए गए कई संसाधन अब केवल दिखावे के लिए रह गए हैं। वंदना मार्ग के गंधर्वनाला के पास स्थित शौचालय इसका सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है, जो वर्षों से बंद पड़ा है और यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है।तीर्थयात्रियों का कहना है कि यह शौचालय “नाम का बना” है — न इसका उपयोग किया जा रहा है और न ही इसमें कोई साफ-सफाई होती है। स्थिति यह है कि शौचालय में ताला जड़ा हुआ है, जिससे दूर-दूर से आए यात्रियों को मजबूरन खुले में शौच करने की नौबत आती है। इससे न केवल श्रद्धालुओं को कठिनाई होती है, बल्कि गंधर्वनाला के आसपास गंदगी और दुर्गंध का माहौल भी फैल जाता है। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि शौचालय की देखरेख और सफाई का कोई जिम्मेदार नहीं है, जिसके कारण यह  बंद पड़ा हुआ है।

अगर प्रशासन या किसी संस्था द्वारा इसकी नियमित सफाई और निगरानी की जाती, तो आज यह क्षेत्र साफ-सुथरा और यात्रियों के लिए सुविधाजनक होता। जानकारी के मुताबिक, वन एवं पर्यावरण विभाग हजारीबाग द्वारा पारसनाथ पर्वत पर कई स्थानों पर शौचालय निर्माण की योजना बनाई गई थी, लेकिन पूरे पर्वत क्षेत्र में यही एक मात्र शौचालय बना है, वह भी बंद पड़ा हुआ है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि विकास कार्य सिर्फ कागजों पर ही सीमित हैं।कई जैन यात्रियों ने यह भी कहा कि मधुबन की स्थानीय जैन संस्थाएं चाहें तो इस शौचालय की देखरेख अपने स्तर से कर सकते हैं, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।श्रद्धालुओं ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि पवित्र पारसनाथ पर्वत पर स्वच्छता और मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाए, ताकि देश-विदेश से आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

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