जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन मे दुर्गा पूजा पिछले 47 सालों से होता आ रहा है । यहां बडे ही हर्षोउल्लास एवम धूमधाम के साथ पिछले 47 वर्षो से दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है।पूजा समिति के सदस्यों ने बताया की मधुबन मे दुर्गा पूजा सन 1978 से प्रारंभ किया गया है।और सन 78 से पूजा लगातार चल रही है। बताया की पूजा प्रारंभ काल से ही वैष्णवी पद्बति से चल रही है। प्रारंभ मे पूजा टेंट लगाकर किया जाता था लेकिन थीरे-थीरे सार्वजनिक स्थल मे मिट्टी का कच्चा मकान बना कर पूजा पाठ चलता रहा,ततपश्चात ग्रामीणों एवम समिति के सदस्यों के द्बारा अथक प्रयास से सन 1987 मे जैन श्वेताम्बर सोसायटी के महाप्रबंधक गुनेंद्र चंद्र बोथरा एवम कर्मचारियों के आर्थिक सहायता से दुर्गा मंदिर का पक्का भवन बनाया गया।जहाँ पर आज पूजा अर्चना प्रारंभ है। लोगों ने बताया कि प्रत्येक मंगलवार एवम शनिवार को भोग व महाआरती का कार्यक्रम सालों भर चलता रहता है।प्रत्येक वर्ष दोनों नवरात्रिओं मे मधुबन की महीलाओं के द्बारा डांडीया, भक्ति संध्या, एवम भजन किया जाता है ।
पूजा के षष्ठी दिन से पूरे भब्य तरीके से भक्ति जागरण व मां दूर्गा का गीत प्रस्तुत किया जाता हैं। प्रत्येक वर्ष सप्तमी व अष्टमी का भजन स्थानीय कलाकारों के द्बारा प्रस्तुत किया जाता हैं। अष्टमी की शाम को स्थानीय बच्चीयों के द्बारा डांडिया नृत्य भी किया जाता हैं।जिसमे आस-पास से सैकड़ों लोग उपस्थित होकर आनंद उठाते है।वही नवमी को आदिवासी समुदाय के द्बारा नृत्य प्रस्तुत किया जाता हैं।तथा विजयादसमी को बाहर दूसरे प्रदेश से सुप्रसिद्ध गायक को बुलाकर भक्ति जागरण का कार्यक्रम करवाते आ रहे है। दुर्गा पूजा की तैयारी जहां एक ओर जोरों से चल रही है वहीं दूसरी ओर प्रत्येक दिन भगवती का पूजन, आरती एवं प्रसाद वितरण जारी है । डेकोरेशन के काम के लिए बंगाल से मजदूर मंगाऐ गये है । लगातार काम जारी है । विजयादशमी के दिन इस बार रात्रि जागरण हेतु फिल्मी दुनियां की भोजपुरी गायक शिल्पी राज का भव्य आयोजन किया गया है । शिल्पी राज का आगमन समाजसेवी बिनोद कुमार सिन्हा के सहयोग से हो रहा है ।