उदीयमान सूर्य को अर्घ्य प्रदान के साथ ही लोकआस्था के महान पर्व चैती छठ सम्पन्न।
SHIKHAR DARPANMonday, April 15, 2024
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पीरटांड़,शिखर दर्पण संवाददाता।
पीरटांड़ प्रखंड के विभिन्न गाँवो में चार दिवसीय चेती छठ का सोमवार को हुआ संपन्न। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य प्रदान के साथ ही लोकआस्था के महान पर्व चैती छठ सम्पन्न हो गया। सोमवार की अहले सुबह से ही प्रखंड के छठ घाटों पर छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी।सभी ने नेम-निष्ठा के साथ भगवान भास्कर को अर्घ्य अपर्ण कर सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ व्रतियों के द्वारा 36 घंटे से चला आ रहा निर्जला उपवास व्रत तोड़ा गया।सबसे पहले छठ व्रतियों ने घी मिश्रित चाय और प्रसाद का सेवन किया, जिसके बाद अन्न ग्रहण किया।
गौरतलब है कि कार्तिक छठ व्रत की तरह ही चैती छठ भी कठिन तप वाला व्रत माना जाता है। इस व्रत में चार दिवसीय अनुष्ठान होता है। जिसमें पहले दिन दाल-चावल और कद्दू की सब्जी का भोग लगता है।दूसरे दिन खरना का महत्व: छठ व्रती कद्दू भात का प्रसाद ग्रहण करते हैं। खरना के बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है।तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व: खरना के अगले दिन षष्टी को शाम के समय अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाता है। अगले दिन सप्तमी को उदयाचलगामी भगवान भास्कर को दूसरा अर्घ्य देकर चार दिवसीय छठ पर्व का समापन हो जाता है।