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जमुआ, बिरनी और हीरोडीह में छठ पर दर्दनाक हादसे, श्रद्धा के पर्व पर तीन जिंदगियां बुझीं, गांवों में पसरा मातम

गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।

गिरिडीह जिले में आस्था और भक्ति के माहौल के बीच छठ पर्व के दौरान तीन अलग-अलग हा’दसों ने पूरे क्षेत्र को शोक में डूबो दिया। जमुआ, बिरनी और हीरोडीह प्रखंडों में हुई घटनाओं में तीन लोगों की दर्दनाक मौ’त हो गई।पहली घटना जमुआ प्रखंड के परांचीडीह गांव में सोमवार को छठ की तैयारी के दौरान 14 वर्षीय अंशु कुमारी की तालाब में डूबने से मौत हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल करने के बावजूद मदद नहीं मिली। अंततः निजी वाहन से गिरिडीह सदर अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस हादसे ने सरकारी एंबुलेंस सेवा की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।वहीं दूसरी घटना बिरनी प्रखंड के बाराडीह गांव में सोमवार शाम हुई। यहां सात वर्षीय दीपक तूरी सूर्य अर्घ्य के दौरान नदी में डूब गया।

सूचना मिलने पर प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम ने 14 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन मंगलवार सुबह शव बरामद हुआ। दीपक के माता-पिता मुंबई में मजदूरी करते हैं। पूर्व विधायक विनोद सिंह ने घटनास्थल पहुंचकर प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है।तीसरी घटना हीरोडीह थाना क्षेत्र के कठवाड़ा धीरोसिंघा गांव की है, जहां सोमवार शाम अर्घ्य देते समय दिलीप कुमार राय का संतुलन बिगड़ने से वे तालाब में डूब गए। लोगों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन देर हो चुकी थी। सूचना पाकर थाना प्रभारी और बीडीओ मौके पर पहुंचे और शव को बाहर निकलवाया।तीनों घटनाओं ने प्रशासनिक तैयारी और सुरक्षा प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि घाटों पर पर्याप्त सुरक्षा और बचाव दल तैनात रहते, तो इन मासूम जिंदगियों को शायद बचाया जा सकता था।

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