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गायत्री परिवार की ज्योति कलश रथ यात्रा पहुंची गिरिडीह, श्रद्धा व भक्ति के माहौल में हुआ दीप महायज्ञ।

गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।

अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज, हरिद्वार मुख्यालय से निकली ज्योति कलश रथ यात्रा का भ्रमण लगातार गिरिडीह जिले में जारी है। पूरे जिले का भ्रमण करते हुए रथ यात्रा गिरिडीह शहर पहुंच चुकी है। पिछले दो दिनों से यह यात्रा बेंगाबाद और गांडेय प्रखंडों के विभिन्न इलाकों में श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में जारी है।बेंगाबाद प्रखंड के फफूंदी, दुंधीटांड, दुर्गा मंडप बेंगाबाद सहित आसपास के गांवों का भ्रमण कर रथ यात्रा दुर्गा मंडप परिसर बेंगाबाद पहुंची, जहां संध्याकालीन दीप महायज्ञ का आयोजन किया गया। सैकड़ों श्रद्धालु इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए।वहीं गुरुवार को गांडेय प्रखंड के महेशमुंडा स्थित शिव मंदिर में ज्योति कलश का पूजन, वंदन एवं आरती की गई। मौके पर सैकड़ों लोगों ने गायत्री महामंत्र उपासना का संकल्प लिया और अपने-अपने घरों में देव स्थापना करवाई। इसके उपरांत गांडेय बाजार में ज्योति कलश रथ यात्रा का भव्य स्वागत किया गया और बाद में दुर्गा मंडप गांडेय में दीप महायज्ञ संपन्न हुआ।

यहां भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए और गायत्री मंत्र जप में भाग लिया।इस अवसर पर जिला प्रमुख कामेश्वर सिंह ने कहा कि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने जन-जन को गायत्री महामंत्र उपासना से जोड़ने के उद्देश्य से वर्ष 1926 में अखिल विश्व गायत्री परिवार की स्थापना की थी। उन्होंने अखंड दीप प्रज्वलित कर 24-24 लाख के 24 महापुरश्चरण पूरे किए और 1953 में मथुरा में 1008 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के माध्यम से जन-जन को गायत्री दीक्षा प्रदान की।उन्होंने कहा कि गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के माध्यम से आज भी देश-विदेश में धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को युग निर्माण योजना के आंदोलन से जोड़ा जा रहा है।कार्यक्रम को सफल बनाने में कामेश्वर सिंह, बासुकीनाथ राय, पिंटू कुमार पंडित, अशोक बाबा, भागीरथ प्रसाद सिंह, तुलसी पंडित, बलराम विश्वकर्मा, सरयू यादव सहित गायत्री परिवार के अनेक भाई-बहनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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