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कोचिंग विधेयक में संशोधन की मांग को लेकर गिरिडीह व धनबाद के कोचिंग प्रतिनिधियों ने की मंत्री से मुलाकात, मिला सकारात्मक आश्वासन।

गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।

राज्य में लागू होने जा रहे कोचिंग सेंटर विधेयक 2025 को लेकर गिरिडीह और धनबाद के कोचिंग सेंटर प्रतिनिधियों ने रविवार को नगर विकास मंत्री सह उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने मंत्री को ज्ञापन सौंपकर विधेयक को लचीला और व्यावहारिक बनाने के लिए संशोधन की मांग रखी।धनबाद कोचिंग एसोसिएशन (DCA) के अध्यक्ष मनोज कुमार, कोषाध्यक्ष कुमार प्रशांत, संरक्षक संजय आनंद, सदस्य रूपेश मंडल और जय रवानी ने कहा कि “यह विधेयक जल्द ही कानून बनकर लागू होने वाला है। इससे प्रदेश के लगभग सभी कोचिंग सेंटर प्रभावित होंगे। विशेषकर छोटे कोचिंग संस्थानों के लिए यह कानून भारी साबित हो सकता है। इसलिए समय रहते पूरे राज्य के कोचिंग सेंटरों को जागरूक करना जरूरी है।”गिरिडीह के एप्टा (APTA) के संरक्षक राजेश सिन्हा, पदाधिकारी सूरज नयन, विकास तिवारी, आलोक मिश्रा, निशांत भास्कर समेत अन्य सदस्यों ने कहा कि “वर्तमान स्वरूप में लागू होने पर यह कानून 90% छोटे कोचिंग संस्थानों को बंद करने पर मजबूर कर देगा।

बड़े ब्रांड के कोचिंग संस्थानों पर इसका असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि उनके पास हजारों विद्यार्थी और करोड़ों का टर्नओवर है। लेकिन 50 से 500 विद्यार्थियों वाले छोटे कोचिंग सेंटर इसका अनुपालन नहीं कर पाएंगे।”प्रतिनिधियों ने कहा कि विधेयक के कारण राज्य से पलायन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए सरकार को चाहिए कि बिल में राहत योग्य संशोधन करे, ताकि छोटे कोचिंग संस्थानों को बचाया जा सके।मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने प्रतिनिधियों की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि “मुद्दे पर विचार किया जाएगा और जरूरी पहल की जाएगी।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “झारखंड के कुछ बड़े कोचिंग संस्थान पढ़ाई से ज्यादा राजनीति और नेताओं के साथ मंच साझा करने में रुचि रखते हैं।

ऐसे तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। या तो वे पूरी तरह पढ़ाई करें या राजनीति में उतरें, झूठा प्रोपगेंडा नहीं चलने दिया जाएगा।”इस पर कोचिंग प्रतिनिधियों ने कहा कि “झारखंड को लूटने की कोशिश करने वाले बड़े कोचिंग संस्थानों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाए।”बैठक के बाद गिरिडीह के ड्रीम अकादमी में भी दोनों जिलों के कोचिंग प्रतिनिधियों ने आपसी चर्चा की। इसमें कहा गया कि संगठन में शामिल न होने वाले कोचिंग सेंटरों को भी जागरूक किया जाएगा ताकि वे एकजुट होकर सरकार के समक्ष अपनी बात रख सकें।इस अवसर पर राकेश सिंह, प्रफुल्ल, आफताब, दीपक श्रीवास्तव, प्रणव मिश्रा समेत गिरिडीह और धनबाद के कई कोचिंग संस्थान प्रतिनिधि मौजूद रहे।प्रतिनिधियों ने मंत्री के सकारात्मक रुख की सराहना की और उम्मीद जताई कि सरकार छोटे कोचिंग सेंटरों के हित में विधेयक में आवश्यक संशोधन करेगी।

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