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चाईबासा में 10 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, माओवादी संगठन को बड़ा झटका।

चाईबासा,शिखर दर्पण संवाददाता।

झारखंड सरकार द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाई जा रही सख्त कार्रवाई और प्रभावी आत्मसमर्पण नीति का असर एक बार फिर देखने को मिला। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में मंगलवार को भाकपा (माओवादी) संगठन से जुड़े कुल 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।सरेंडर करने वालों में एरिया कमेटी सदस्य रांदो बोइपाई उर्फ कांति बोइपाई सहित दस्ता सदस्य गार्दी कोड़ा, जॉन उर्फ जोहन पुरती, नीरसो सिदू, घोनोर देवगम, गोमेया कोड़ा उर्फ टारजन, कैरा कोड़ा, कैरी कायम उर्फ गुलांची और प्रदीप सिंह मुंडा शामिल हैं। इनके साथ ही एक महिला नक्सली सावित्री गोप उर्फ मुतुरी (18 वर्ष) ने भी आत्मसमर्पण किया। अन्य नक्सलियों की उम्र 20 से 22 वर्ष के बीच बताई जा रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन नक्सलियों के आत्मसमर्पण से पश्चिमी सिंहभूम और चाईबासा क्षेत्र में माओवादियों की पकड़ कमजोर होगी और आतंक पर रोक लगेगी।झारखंड सरकार ने नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए आकर्षक आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति बनाई है। इसके तहत समर्पण करने वालों को न केवल पुनर्वास का अवसर मिलता है बल्कि जीवन-यापन के लिए आर्थिक सहायता और रोजगार की भी व्यवस्था की जाती है।गौरतलब है कि सरकार द्वारा इस नीति का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। नतीजतन, पिछले तीन सालों में कुल 26 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि इस पहल से आने वाले दिनों में और भी नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और विकास की मुख्यधारा से जुड़ेंगे।


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