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क्रूस यात्रा के दौरान येरूशलेम में यीशु मसीह की राह में पाम सन्डे के दिन लोगों ने बिछाए थे खजूर के पत्ते।खजूर इतवार पर चर्चो में कई गयी विशेष प्रार्थना।

मिहिजाम,शिखर दर्पण संवाददाता।

क्रूस यात्रा के दौरान येरूशलेम में यीशु मसीह की राह में पाम सन्डे के दिन लोगों ने बिछाए थे खजूर के पत्ते।खजूर इतवार पर चर्चो में कई गयी विशेष प्रार्थना।जामतारा। रविवार को ईसाई धर्मावलंबियों ने खजूर इतवार मनाया। इस अवसर पर जगह जगह गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई और यीशु मसीह की क्रूस की यात्रा का वर्णन किया गया। हाथों में खजूर की डलिया लेकर लोगों ने कैरोल गाये और शोभा यात्रा निकाली। बडोलीगढ़ सीएनआई सन्त पीटर चर्च में भी इस अवसर पर खजूर सन्डे मनाया गया। पास्टर केबी खलखो ने बताया कि दो हजार साल पहले आज ही के दिन प्रभु यीशु मसीह येरुशलम आये थे। तब उनका स्वागत राजा की तरह किया गया था। उनके स्वागत में लोगो ने पूरे रास्ते पर खजूर के पत्ते बिछाए थे। तभी से खजूर पर्व मनाया जाता है।

उन्होंने आगे कहा कि परमेश्वर की पूर्व योजना के अनुसार दो हजार साल पहले लोगो को प्रेम औऱ सच्ची राह दिखाने वाले प्रभु यीशु मसीह को आने वाले गुरुवार यानी गुड़ फ्राइडे से एक दिन पूर्व ही रात को यीशु मसीह को कट्टरपंथी धर्मगुरुओं को खुस करने के लिए पकड़वाया गया और, पिलातुस राजा ने यीशु मसीह को गुड़ फ्राइडे के दिन ही क्रूस पर लटकाने की सजा सुनाई थी। तीन दिन बाद अगले इतवार यानी ईस्टर के दिन यीशु मसीह मृतकों में से जी उठा था और कब्र से बाहर आकर अपने अनुयायियों के बीच पहुच गया था। वह हमारे मानव जाति के पापों के लिए मरा और फिर जी उठा। तभी से ईसाई धर्मावलंबी 40 दिनों के लेंट सर्विस के साथ पाम सन्डे, गुड़ फ्राइडे और ईस्टर का पवित्र पर्व मानते आ रहे है।

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