विजयादशमी........धार्मिक मान्यता के मतानुसार माँ दुर्गा के अपने मायका (पृथ्वी) से ससुराल (स्वर्ग) प्रस्थान दिवस.....भगवान राम द्वारा रावण -वध का दिन .....असत्य पर सत्य के विजय उदघोष का दिन ......शस्त्र पूजन की प्रक्रिया द्वारा सनातन संस्कृति में शौर्य एवम वीरता के पोषण -भाव का प्रकटीकरण दिवस ...... विजयादशमी एक ओर जहाँ माँ से बिछोह के कारण उपजे मानसिक संताप का सूचक है, वहीं दूसरी ओर इस धरा के समस्त मानव जाति के लिए इस चिरंतन एवम शाश्वत सत्य का उद्घाटन है की अशुभ पर शुभ की तथा असत्य पर सत्य की विजय सदैव सुनिश्चित है .......अपने भक्तों को विपदा से सदा सुरक्षित रखने वाली जगत जननी माँ दुर्गा समस्त प्राणियों का कल्याण करें, अत्याचारियों एवम अधर्मियों का संहार करें तथा विश्व बंधुत्व के अटूट भाव से सम्पूर्ण मानवता को सराबोर करें, ऐसी कामना है।