जिले में संचालित विकास योजनाओं की गति को बेहतर बनाने की आवश्यकता:-उपायुक्त।
SHIKHAR DARPANThursday, November 06, 2025
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गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।
जिला उपायुक्त रामनिवास यादव ने आज अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में (CSR) से संबंधित समीक्षा बैठक की। बैठक में जिले में विभिन्न कंपनियों एवं औद्योगिक इकाइयों द्वारा CSR मद से किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई तथा आगामी योजनाओं पर भी विस्तार पूर्वक की गई। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि CSR फंड का उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ना है। इसलिए कंपनियों एवं औद्योगिक इकाइयों को चाहिए कि वे अपनी CSR गतिविधियों का अधिकतम लाभ शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पेयजल, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण तथा कौशल विकास जैसे जनहितकारी कार्यों में सुनिश्चित करें। इस दौरान उपायुक्त ने CSR द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं के तहत किये जा रहे कार्याे के अद्यतन स्थिति की जानकारी ली एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों को निदेशित किया कि सारे कार्यों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से निर्धारित समय से पूर्ण करायें। आगे उपायुक्त ने अबतक चयनित योजनाओं के साथ-साथ उनकी कार्य प्रगति की जानकारी प्राप्त की।
साथ ही उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निदेश दिया कि निर्माणाधीन कार्यों को अविलंब पूर्ण कराएं, ताकि सारे कार्याे का जिला स्तर से निरीक्षण किया जा सकें। आगे उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले में CSR फंड से चल रहे प्रोजेक्ट्स की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और उनकी प्रगति रिपोर्ट समय-समय पर उपलब्ध कराई जाए। साथ ही कंपनियों के प्रतिनिधियों से कहा गया कि वे स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का चयन करें, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सकें। उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों/विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों को कड़े शब्दों में निर्देशित किया कि विकास कार्यों में पूरी पारदर्शिता एवं संवेदनशीलता बरती जाय। CSR अंतर्गत किए जा रहे विकास कार्यों में लापरवाही/कोताही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जायेगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि शिक्षा क्षेत्र में विद्यालयों के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने, स्वास्थ्य क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ करने, पोषण संबंधी योजनाओं को बढ़ावा देने तथा पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया। बैठक में उप विकास आयुक्त, महाप्रबंधक, उद्योग विभाग, विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि समेत अन्य संबंधित उपस्थित थे।