रजिस्टर-टू की सत्यापित प्रति को लेकर किसानों का धरना, हाईकोर्ट की फटकार के बावजूद कार्रवाई न होने पर डीसी व तिसरी सीओ पर उठे सवाल।
SHIKHAR DARPANTuesday, September 16, 2025
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गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।
गिरिडीह जिला मुख्यालय स्थित झंडा मैदान मंगलवार को किसानों के आक्रोश का गवाह बना। रजिस्टर-टू की सत्यापित प्रति उपलब्ध कराने की मांग को लेकर सैकड़ों किसान किसान जनता पार्टी के बैनर तले धरने पर बैठे। इस दौरान किसानों ने आरोप लगाया कि तिसरी अंचल अधिकारी (सीओ) घूसखोरी में लिप्त हैं और माननीय झारखंड उच्च न्यायालय की सख्त टिप्पणी के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।धरना को संबोधित करते हुए किसान जनता पार्टी के केन्द्रीय कमिटी अध्यक्ष सह अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट ने रिट याचिका संख्या 5925/2022 की सुनवाई के दौरान तिसरी सीओ को कड़ी फटकार लगाते हुए साफ कहा था कि “बिना घूस लिए सिर्फ तनख्वाह पर काम करो, अन्यथा नौकरी छोड़ दो, नहीं तो यहीं से निलंबित कर दूंगा।” इसके बावजूद गिरिडीह उपायुक्त रामनिवास यादव भ्रष्ट सीओ अखिलेश प्रसाद का ढाल बनकर खड़े हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि हजारों किसानों ने शुल्क देकर रजिस्टर-टू की सत्यापित प्रति के लिए आवेदन दिया था, लेकिन देने के बजाय किसानों को भूमाफिया और पुलिस के जरिए पिटवाया गया तथा कई किसानों पर झूठे मुकदमे कर जेल भेजा गया।
शिकायत करने पर डीसी ने उल्टे आवेदकों को डांट-फटकार लगाई और धमकी दी कि “हम हाईकोर्ट से निबट लेंगे, तिसरी सीओ रजिस्टर-टू की सत्यापित प्रति नहीं देगा।पार्टी के संयोजक दसो मुर्मू ने चेतावनी दी कि अगर उपायुक्त ने अपनी हठधर्मिता छोड़ी और न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया, तो जिले में हालात नेपाल और बांग्लादेश जैसे हो जाएंगे। वहीं तिसरी अंचल अध्यक्ष नीलम कुमारी ने कहा कि जब तक सभी मौजा के रजिस्टर-टू की सत्यापित प्रति उपलब्ध नहीं हो जाती, तब तक भ्रष्ट अधिकारी मूल रजिस्टर-टू में छेड़छाड़ कर भूमाफियाओं, दबंगों और पैसेवालों के पक्ष में जमाबंदी कायम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि किसान जनता पार्टी अंतिम दम तक लोकतांत्रिक तरीके से इस लड़ाई को जारी रखेगी।धरना में छत्रधारी सिंह, टिप्पण ठाकुर, संझली हेम्ब्रम, बसिया टुडू, मुस्लिम अंसारी, विजय कुमार, बड़की बेसरा, सबीना हेम्ब्रम, थाम्मी मंडल, लेवा हांसदा, संतोष बास्के, घनश्याम पंडित, बड़की किस्कू, दहनी देवी, रेखा कुमारी, बिना बास्के, जोशील मरांडी समेत सैकड़ों किसान शामिल हुए।