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गिरिडीह के शिक्षकों ने पेश की मानवता की मिसाल, घायल आदिवासी छात्र को पीठ पर उठाकर पहुँचाया घर।

गौरव भक्त।

गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।

गिरिडीह जिले के गावां प्रखंड अंतर्गत जमडार पीएम श्री विद्यालय के शिक्षकों ने ऐसा कार्य कर दिखाया, जो न केवल मानवता की मिशाल है बल्कि पूरे समाज के लिए एक जीवंत प्रेरणा भी बन गया है।कहते हैं, शिक्षक केवल पाठशाला तक सीमित नहीं होते—जब ज़रूरत पड़े तो वे जीवनदायिनी भूमिका भी निभाते हैं। ऐसा ही एक प्रेरणादायक दृश्य तब सामने आया जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक अभय चतुर्वेदी, शिक्षक अजय कुमार सिंह और सुदर्शन ने घायल आदिवासी छात्र की सहायता कर यह सिद्ध कर दिया कि “शिक्षक होना केवल एक पेशा नहीं, बल्कि सेवा और समर्पण है।”प्राप्त जानकारी के अनुसार, विद्यालय में पढ़ने वाला एक आदिवासी छात्र, जो कुंडा गांव का निवासी है, स्कूल से लौटते वक्त रास्ते में गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके पैरों में गहरा घाव था और वह खुद से चल पाने की स्थिति में नहीं था। कुछ सहपाठियों ने बड़ी मुश्किल से उसे विद्यालय तक पहुँचाया।जैसे ही प्रधानाध्यापक अभय चतुर्वेदी को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने प्राथमिक उपचार किया और छात्र को ढाँढस बंधाया। लेकिन छात्र घर जाने की ज़िद पर अड़ा रहा। शिक्षकों ने पहले बाइक से घर पहुँचाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में नदी और दुर्गम पहाड़ी इलाकों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।

इसके बाद तीनों शिक्षकों ने बारी-बारी से घायल छात्र को पीठ पर उठाया और करीब दो किलोमीटर की कठिन और खतरनाक यात्रा तय कर उसे उसके घर तक पहुँचाया। रास्ता इतना दुर्गम था कि शिक्षक अजय कुमार सिंह फिसलकर घायल भी हो गए, लेकिन उनका हौसला ज़रा भी नहीं डिगा।जब छात्र की माँ ने अपने बेटे को शिक्षकों की पीठ से उतरते देखा, तो वह भावुक होकर रो पड़ीं। अश्रुपूरित नेत्रों से उन्होंने शिक्षकों को आशीर्वाद देते हुए धन्यवाद दिया और कहा, "भगवान खुद नहीं आए, लेकिन उन्हें शिक्षक के रूप में भेज दिया।"घटना के बारे में पूछे जाने पर प्रधानाध्यापक अभय चतुर्वेदी ने बताया। “जब बच्चे घायल छात्र को उठाकर लाए तो मैं कार्यालय में था। मैंने उसका प्राथमिक उपचार किया लेकिन वह बार-बार घर जाने की ज़िद कर रहा था। रास्ता बेहद कठिन था, लेकिन मेरे सहयोगी शिक्षकों—अजय कुमार सिंह और सुदर्शन कुमार—के साथ हमने उसे सुरक्षित उसके घर पहुँचाया। मुझे गर्व है अपने शिक्षकों पर। यह सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं थी, यह हमारा मानवीय कर्तव्य था।”इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिक्षक केवल शिक्षा के वाहक नहीं, बल्कि समाज सेवा और मानवता का जीवंत उदाहरण भी होते हैं।जमडार पीएम श्री विद्यालय के ये तीनों शिक्षक आज गिरिडीह ही नहीं, पूरे झारखंड के लिए प्रेरणा के स्रोत बन गए हैं।

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