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तेरापंथी कोठी के प्रागंण मे वर्षाकाल चातुर्मास में कार्यक्रम।

मधुबन,शिखर दर्पण संवाददाता।

श्री दिगम्बर जैन तेरापंथी कोठी के प्रागंण मे वर्षाकाल चातुर्मास कर रहे जैनाचार्य विशुद्ब सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचन मे श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा की इस पंचमकाल में चतुर्थ काल जैसी साधना में लीन दिगम्बर  जैन मुनि अनुत्तर सागर जी महाराज तीर्थ राज सम्मेद शिखर जी तीर्थ मे अनेकों अनेक साधना चल रहा है।उनके द्बारा अभी तक 1100 उपवास पूर्ण किया जा चुका है।मुनि श्री सिंह निष्क्रीडित व्रत की कठिन साधना 14 मई से प्रारंभ किया है। जिसमे 183 दिन में 153 उपवास और 33 पारणा होगी। यह ब्रत 15 नवम्बर को समाप्त होगा।जैनाचार्य ने बताया की मुनिश्री वर्ष 2020 में 217 निर्जल उपवास कर चुके है।वही 2021 मे मुनि श्री ने  लक्ष्य 240 से ऊपर निर्जल उपवास का रखा है।

जो पूर्णता की ओर है।उन्होंने बताया की अभी तक चौसठ ऋद्धि व्रत के 64 उपवास, तपशुद्धि  के 78 उपवास, दुःखहरण के 68 उपवास,सुख कारण के 68 उपवास,सर्वतोभद्र के 75उपवास,शांतकुंभ के 45 उपवास ,नवकार के 35 उपवास,ब्रजमध्य के 29 उपवास,नक्षत्रमाला के 27 उपवास,भावनाविधि के 25 उपवास,पञ्चविंशति कल्याणमाला के 25 उपवास,दर्शन विशुद्धि के 24 उपवास, दीपमालिका के 24 उपवास,तपोरुजलि के 24 उपवास,तीर्थंकर व्रत के 24 उपवास,बारह बिजोरा के 24 उपवास सम्यक्त्व चतुर्विंशति के 24,समवसरण के 24 उपवास आदि कई तरह के व्रत विधि पूर्वक पूर्ण कर चुके है।उनके चारित्र शुद्धिव्रत के 1100 उपवास निर्जन हो गए तथा 134 बाकि जो कुछ ही समय मे पूर्ण हो जाएंगे ।जैनाचार्य ने बताया की मुनि श्री 22 मई 2022 तक मौन है।

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