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होली को लेकर सुरक्षा के रहेंगें पुख्ता इंतजामः-उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री।

अपने घरों में आपसी सहयोग व सौहार्द्रपूर्ण तरीके से मनाये होली का त्यौहार- उपायुक्त....

देवघर, शिखर दर्पण संवाददाता।

उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री के निदेशानुसार होली, 2021 के अवसर पर स्वास्थ्य व्यवस्था, विधि व्यवस्था व सुरक्षा व्यवस्था सम्बन्धी संयुक्त जिला आदेश जारी किया गया है। इसके अलावा उपायुक्त द्वारा अनुमण्डल पदाधिकारी, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, सभी थाना प्रभारी, पुलिस निरीक्षक एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, को निदेश दिया कि इस वर्ष होली का त्यौहार दिनांक 28.03.2021 एवं 29.03.2021 को मनाया जायेगा। दिनांक 28.03.2021 की रात्रि में होलिका दहन तथा दिनांक 29.03.2021 को होली खेली जायेगी। ऐसे में होली के मौके पर दण्डाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों व पुलिस जवानों की तैनाती की गयी है। स्वास्थ्य विभाग व अग्निशमन विभाग को चैबिसों घंटे इमर्जेन्सी सेवा के लिए तैयार रहने का निदेश दिया गया है। संयुक्त आदेश के जरीये जिले के विभिन्न स्थानों पर दण्डाधिकारी व पुलिस बल के जवानों की तैनाती का निदेश दिया गया है। साथ हीं सभी थाना के थाना प्रभारियों के संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी करने का निदेश दिया गया है।होली पर्व को लेकर उपायुक्त ने प्रतिनियुक्त अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों को होली की अगली सुबह तक पूरी चैकसी बरतने का निदेश सभी को दिया है। इसके अलावे होली के पर्व के दौरान दूसरों के सामान को जबरन उठाने, उसे होलिका में डालने की प्रवृति के प्रति आगाह करते हुए सभी पुलिस पदाधिकारियों को सचेत किया गया है। स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि इमरजेंसी सेवा के लिए चिकित्सक व उपकरण तैयार रखा जाए। फायर ब्रिगेड को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा होली के अवसर पर चैबिसों घंटे नियंत्रण कक्ष को चालू रखने का निदेश दिया गया है।

इस पर्व के अवसर पर निम्नांकित कारणों से कभी-कभी तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो जाती है एवं विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या खड़ी हो जाती है-
1. साम्प्रदायिक भावना, जातिगत भावना एवं धृष्टतावश किसी व्यक्ति विशेष के लकड़ी के सामानों को चुराकर होलिका दहन में डाल देना तथा रंग अबीर डालने के क्रम में प्रताड़ित करना।
2. किसी व्यक्ति विशेष के ऊपर जबरदस्ती रंग डालना तथा अबीर-गुलाल आदि लगाना।
3. होलिका दहन में प्राथमिकता के प्रश्न पर ग्रामीणों द्वारा अपने गाॅंव की सीमा पार कर दूसरे गाँव में लुकारी फेंके जाने एवं बलपूर्वक दूसरों की लकड़ियाँ, छप्पर आदि को आग में डाल दिये जाने के कारण।
4. अभद्रता/अश्लील गायन/कीचड़/धूल आदि से होली खेले जाने के कारण।
5. किसी जाति विशेष एवं सम्प्रदाय विशेष के ईलाके/धर्मिक स्थानों में झुमटा गाने वालों की टोली गुजरने एवं रूककर अश्लील गायन करने के कारण।
6. किसी सम्प्रदाय विशेष के धार्मिक स्थलों पर कीचड़ आदि डाले जाने के कारण।
7. महिलाओं के साथ जबरन छेड़छाड़ करना तथा रंग-अबीर एवं कीचड़ लगाना तथा महिलाओं को देखकर छींटाकसी करना एवं अश्लील गायन करना।
8. वाहनों के ऊपर कीचड़ फेंकना एवं शीशे आदि को तोड़-फोड़ करना।
9. मादक द्रव्य एवं मादक पदार्थ का सेवन कर अभद्र व्यवहार करना। 
10. होलिका दहन के स्थान को लेकर विवाद उत्पन्न होना।
ऐसे में होली के अवसर पर उपायुक्त  मंजूनाथ भजंत्री ने संबंधित अधिकारी को निदेशित करते हुए कहा कि कई जगहों पर उपर्युक्त बिन्दुओं के अतिरिक्त अन्य कारणों से भी विवाद उत्पन्न होने एवं विधि-व्यवस्था तथा साम्प्रदायिक सद्भावना भंग होने की संभावना बनी रहती है। उपर्युक्त बिन्दुओं के आलोक में उपायुक्त ने होली के अवसर पर विशेष सतर्कता एवं सावधानी बरतने के साथ सभी थाना प्रभारी/पुलिस निरीक्षक एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी/अंचल अधिकारी/अनुमण्डल पदाधिकारी/अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी को निदेशित किया गया है कि वे उपर्युक्त बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए होली के अवसर पर शांति व्यवस्था एवं साम्प्रदायिक सद्भावना बनाये रखने हेतु एहतियाति बरतेंगें तथा निरोधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगें।


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