प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डेहरी में हुई सभा में पुल के निर्माण को लेकर हुई घोषणा के बाद इलाके के लोगों का एनडीए के प्रति उपजा गुस्सा कम हो गया है। अब लोगों को यह विश्वास हो गया है कि पंडुका पुल का निर्माण होगा। विदित हो कि इस पुल के निर्माण के लिए सांसद छेदी पासवान व विधायक ललन पासवान ने काफी प्रयास किया था। उसके बाद ही प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने केंद्रीय मंत्री नीतीन गडकरी से स्वीकृति भी ले ली थी। पंडुका पुल के लिए 333.41 करोड़ का डीपीआर तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री के भाषण में पुल की चर्चा होने से अब इलाके के मतदाता एनडीए का विरोध करना बंद कर दिए हैं। बता दें कि बिहार व झारखंड की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए पंडुका पुल कारगर साबित होगा। यह पुल 1337 मीटर लंबा होगा। बिहार-झारखंड की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए जिला के नौहट्टा प्रखंड के पंडुका व झारखंड के गढवा जिला के कांडी प्रखंड के श्रीनगर के बीच 1337 मीटर लंबा पुल बनाने के लिए लोग वर्ष 2010 से ही संघर्ष कर रहे हैं। वर्तमान में लोग पैदल व नाव के सहारे सोन नदी पार करते हैं। प्रतिदिन नाव के सहारे औसतन चार सौ व्यक्ति व चालीस बाइक पार किया जाता है। क्षेत्र के सवारी का भाड़ा तीस रूपए व बाइक का पचास रूपये वसूल किया जाता है। पंडुका पुल के निर्माण हो जाने से बिहार झारखंड युपी व छतीसगढ़ की कनेक्टिविटी बढ जाएगी जिससे व्यापार में काफी इजाफा होगा। पंडुका पुल से दो सौ किमी की बचत होगी साथ ही नौहट्टा रोहतास प्रखंड के अलावे गढ़वा जिला का कांडी प्रखंड का विकास काफी होगा।