डुमरी ।
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष सह विधानसभा संयोजक प्रशांत जायसवाल ने सूबे के शिक्षामंत्री सह स्थानीय विधायक जगरनाथ महतो की उस बयान की निंदा की है जिसमें शिक्षामंत्री द्वारा कहा गया था कि
'सरकारी विद्यालयों के फेल शिक्षक ही निजी स्कूलों में पढ़ाते हैं एवं सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे ही सरकारी नौकरी ले सकेंगे'।भाजपा नेता गुरूवार को अपने आवास में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।उन्होंने कहा कि शिक्षामंत्री सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र के मंत्री नहीं बल्कि पूरे झारखंड के मंत्री हैं और उनके एक एक बात का असर पूरे प्रदेश वासियों पर होता है।कहा सरकारी नौकरी की प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने का अधिकार उन सभी बच्चों का है जो चाहे सरकारी स्कूलों में पढ़ा हो या फिर निजी स्कूलों में।कहा कि शिक्षामंत्री का बयान असंवैधानिक और अतार्किक है,ऐसे बयानों से राज्य में विद्वेष को बढ़ावा मिलता है।कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ व गुणवत्तापूर्ण हो,यह सभी चाहते हैं लेकिन इसके लिए निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सरकारी नौकरियों से वंचित करने की सोच रखना अव्यवहारिक व अनुचित है।भाजपा नेता ने बयान पर सवाल खडा करते हुए कहा कि यदि निजी विद्यालयों के शिक्षक दक्ष व निपुण नहीं हैं तो फिर शिक्षामंत्री ऐसे विद्यालयों के विविध कार्यक्रमों में क्यों जाते हैं।साथ ही डुमरी विधानसभा क्षेत्र में संचालित प्राइवेट कॉलेजों के अध्यक्ष क्यों बने हुए हैं जबकि ऐसे संस्था के शिक्षक भी तो नाकाबिल होते होंगे।भाजपा नेता ने कहा कि सरकार चाहे किसी दल का हो,सभी युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती है और ऐसे युवाओं को अपने रोजगार के लिए अपनी दक्षता के अनुसार
निजी स्कूल,ट्यूशन सेंटर या कोई और रोजगार से तो जुड़ना पड़ता है,ऐसे में उनके टैलेंट को कम आंकना व भावनाओं को ठेस पहुंचाना ऐसे अनुभवी प्रतिनिधि को शोभा नहीं देता है।भाजपा नेता ने कहा कि मंत्री पहले सरकारी शिक्षकों के बच्चे को सरकारी स्कूलों में नामांकन कराकर राज्य में बदलाव का एक संदेश देना चाहिए क्योंकि अस्सी प्रतिशत सरकारी शिक्षकों के बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं साथ ही इससे जाहिर होता है कि सरकारी शिक्षकों को भी सरकारी शिक्षा पर भरोसा नहीं है।भाजपा नेता ने शिक्षामंत्री से राज्य के सरकारी उच्च स्कूलों व इंटर कॉलेजों में नामांकन में लगने वाली फीस को माफ करने का आदेश देने की अपील की है।
सबसे पहले सरकार को चाहिए की काम करें , लोगों को भर्मित करने का कार्य ना करें । अभी राजनीति और कूटनीती का समय नहीं है अभी महामारी से लड़ने से लड़ने का समय है सरकार इन बातों पर ध्यान दें । क्योंकि दिन प्रतिदिन झारखंड में महामारी अपना पांव फैला रही हैं
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