गिरिडीह सदर अस्पताल को जल्द मिलेगा सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन, न्यूरो स्पेशलिस्ट की नियुक्ति की भी तैयारी: अपर स्वास्थ्य सचिव।
SHIKHAR DARPANThursday, August 07, 2025
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गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।
राज्य के अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव अजय सिंह ने गुरुवार को गिरिडीह सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। उनके साथ उपायुक्त रामनिवास यादव, सदर एसडीएम श्रीकांत यशवंत और सिविल सर्जन भी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान सचिव ने अस्पताल की विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया और मातृत्व शिशु स्वास्थ्य केंद्र में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर गहरी नाराजगी जताई।निरीक्षण के दौरान मातृत्व शिशु स्वास्थ्य केंद्र में बिजली की आपूर्ति नहीं होने, सफाई व्यवस्था के लचर हालत और ओपीडी बंद पाए जाने पर सचिव ने सिविल सर्जन को फौरन सुधार लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जहां बिजली की आपूर्ति बाधित है, वहां आवश्यकता के अनुसार डीजी सेट की व्यवस्था की जाएगी ताकि मरीजों को कोई दिक्कत न हो।
*होम्योपैथिक केंद्र बना स्टोर रूम:- सचिव ने आयुष होम्योपैथिक केंद्र का भी निरीक्षण किया, जहां डॉक्टर अनुपस्थित मिले, ओपीडी बंद थी, और केंद्र को स्टोर रूम के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। *सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन की खरीद का निर्देश:- सचिव अजय सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सदर अस्पताल में एक बेहतर मेडिकल टीम कार्यरत है, लेकिन व्यवस्था को और भी सुदृढ़ किया जा सकता है। उन्होंने जानकारी दी कि अस्पताल में एक्स-रे यूनिट और लैब में कुछ उपकरणों की कमी है, जिसे शीघ्र दूर किया जाएगा। इसके साथ ही, सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन खरीदने का निर्देश दे दिया गया है, ताकि मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही उच्चस्तरीय जांच सुविधा मिल सके।
*न्यूरो स्पेशलिस्ट की नियुक्ति जल्द:- सचिव ने बताया कि राज्य सरकार की मंशा है कि सदर अस्पताल में मुफ्त इलाज की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध हों। इसी दिशा में, न्यूरो स्पेशलिस्ट की नियुक्ति की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी। सरकार ने निर्देश दिया है कि जरूरत पड़ने पर प्राइवेट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का भी सहयोग लिया जाए। *आयुष्मान योजना की कमाई होगी अस्पताल पर खर्च:- अपर सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि आयुष्मान भारत योजना से जो भी राजस्व प्राप्त होगा, उसे सदर अस्पताल की जरूरतों पर ही खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से एक भी पैसा राज्य सरकार नहीं लेगी, बल्कि उसका पूरा लाभ जनता को मिले, यह सुनिश्चित किया जाएगा।