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टास्क फोर्स को ढाबों, लाइन होटलों, ईंट भट्टों, गैरेजों, वाशिंग सेंटरों और अन्य संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी करने का निर्देश दिया गया।

गिरिडीह,शिखर दर्पण संवाददाता।

समाहरणालय सभागार में जिला उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में बाल श्रम उन्मूलन एवं पुनर्वास हेतु जिला स्तरीय गठित टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपायुक्त ने बाल श्रम उन्मूलन कार्यों की विस्तृत जानकारी ली। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी विमुक्त बाल श्रमिकों को अनिवार्य रूप से चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्लूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया जाए और उनका आवासीय विद्यालय में दाखिला सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया कि ये बच्चे दोबारा बाल श्रम में न लौटें। इस संबंध में, उन्होंने श्रम अधीक्षक को पूर्व में विमुक्त हुए बच्चों का नियमित फॉलो-अप रखने के भी निर्देश दिए।

वहीं बैठक में उपायुक्त ने छापेमारी को औचक रूप से संचालित करने का निर्देश दिया। उन्होंने ढाबों, लाइन होटलों, ईंट भट्टों, गैरेजों, वाशिंग सेंटरों और अन्य संदिग्ध स्थानों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए छापेमारी चलाने के निर्देश दिए।  उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि जो नियोक्ता अपने प्रतिष्ठानों में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बाल श्रमिक के रूप में नियोजित करते हैं, उनके खिलाफ बाल एवं अल्प वयस्क श्रमिक (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए। बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, सहायक श्रमायुक्त, श्रम विभाग, सहायक नगर आयुक्त, नगर निगम, बाल संरक्षण पदाधिकारी समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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