देवघर ।
उपायुक्त नैंन्सी सहाय द्वारा जानकारी दी गयी है कि विश्वव्यापी महामारी नोवेल कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव को दृष्टिपथ में रखते हुए गृह मंत्रालय, भारत सरकार सम्पूर्ण देश में पूर्ण तोलाबंदी अधिसूचित किया गया है। ऐसे में सभी अवगत है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण आम जन-जीवन के लिए खतरे की स्थिति उत्पन्न हो गयी है तथा लोगों को जीवनयापन में भी काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। कोविड-19 के वृहत प्रसार को रोकने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा सभी शैक्षणिक संस्थानों को अगले आदेश तक बंद करने का निदेश दिया गया है।
इसके अलावा कोविड-19 संकट के कारण अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ा है।
राज्य के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के अभिभवकों की आमदनी भी प्रभावित हुई है। कई अभिभावकों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है तो कई अभिभावकों को रोजगार भी प्रभावित रहा है फलस्वरूप कई अभिभावकों को निजी विद्यालयों के शिक्षण शुल्क तथा अन्य शुल्कों का ससमय भुगतान करने में कठिनाई हो रही है, जिसके कारण निजी विद्यालयों के प्रबंधन को विद्यालय संचालन में भी अत्यधिक कठिनाई परिलक्षित हो रही है।ऐसे में वर्णित परिस्थिति में निजी विद्यालयों द्वारा छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन क्लास/ई-लर्निंग के माध्ययम से ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था उपलब्ध करायी जा रही है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड, रांची कार्यालय में अभिभावकों तथा विद्यालय प्रबंधन द्वारा उक्त परेशानियों के निराकरण हेतु कई अभ्यावेदन प्राप्त हुआ है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा छात्रों/अभिभावकों तथा विद्यालय प्रबंधन के आपसी विचार-विमर्श के पश्चात सहमति से इस संबंध में एक उचित समाधान कर आदेश जारी करने का अनुरोध राज्य सरकार से किया गया है। कतिपय राज्य द्वारा इस संबंध में उपरोक्त वर्णित परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी किए गये हैं।
उपरोक्त स्थिति पर गंभीरता से विचार करते हुए राज्य के सभी निजी गैर अनुदानित मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रमुख प्राचार्य, प्रधानाध्यापक, निदेशक, प्रबंधक, संचालक सचिव, अध्यक्ष को शिक्षा का अधिकार अधिनियम, झारखण्ड शिक्षा न्यायाधीकरण संसोधन अधिनियम, 2017 के आलोक में निम्न निदेश दिये जाते हैं-
1. शैक्षणिक सत्र 2020-21 हेतु विद्यालय शुल्क में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की जायेगी।
2. विद्यालय का पूर्ववत् संचालन प्रारंभ होने से पूर्व मात्र शिक्षण शुल्क मासिक दर पर लिया जायेगा।
3. किसी भी परिस्थिति में शिक्षण शुल्क जमा नहीं करने के कारण किसी भी छात्र का नामांकन रद्द नहीं किया जायेगा तथा ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था की सुविधा से वंचित नहीं किया जायेगा।
4. विद्यालय में नामांकित सभी छात्रों को बिना किसी भेदभाव के ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था हेतु ऑनलाइन शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने की पूर्ण जिम्मेवारी विद्यालय प्रमुख की होगी।
5. विद्यालय बंद रहने की अवधि तक किसी भी प्रकार का वार्षिक शुल्क, यातायात शुल्क या अन्य किसी प्रकार का शुल्क अभिभावकों से नहीं लिया जायेगा। उक्त से संबंधित शुल्क विद्यालय में पुनः शिक्षण कार्य प्रारंभ होने के पश्चात समानुपातिक आधार पर अभिभावकों से ली जा सकेगी।
6. किसी भी परिस्थिति में अभिभावकों से विलम्ब शुल्क नहीं लिया जायेगा ।
7. विद्यालय में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतनादि में किसी भी प्रकार की कटौती या रोक नहीं लगायी जायेगी।
8. विद्यालय प्रबंधन द्वारा शुल्क हेतु कोई नया मद सृजित कर अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव नहीं बनाया जायेगा।
9. उपरोक्त निदेशों का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में संबंद्धता हेतु राज्य सरकार द्वारा निर्गत अनापति प्रमाण पत्र रद्द/पुनर्विचार किया जायेगा तथा आवश्यकतानुसार विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी।